बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा भविष्य के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने का निर्देश देने के लिए एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। (सरदार चंद्रपाल सिंह बनाम भारत संघ)।
याचिका में पूरे भारत में रनौत के खिलाफ दर्ज सभी लंबित एफआईआर को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने का आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने आगे मांग की है कि इन मामलों में चार्जशीट छह महीने में पेश की जाए और ट्रायल दो साल में पूरा किया जाए।
याचिकाकर्ता का दावा है कि वह रनौत के एक इंस्टाग्राम पोस्ट से काफी आहत हुआ है, जिसमें यह अनुमान लगाया गया था कि "सिख किसान खालिस्तानी आतंकवादी थे, 1984 के नरसंहार को स्वीकार करते हैं, इसका मतलब है कि सिखों को अवांछित मच्छरों की तरह निचली जाति के रूप में माना जाना चाहिए और उन्हें इंदिरा गांधी जैसे गुरु की आवश्यकता है जब सिखों के शाश्वत गुरु गुरु ग्रंथ साहिबजी हैं।"
याचिका मे कहा गया है कि, "इस तरह के बयान, नस्लीय भेदभाव की भावना विकसित करते हैं, विभिन्न धर्मों के आधार पर नफरत करते हैं और सोशल मीडिया पर बहुत गर्म बहस का कारण बन सकते हैं और यहां तक कि दंगों, उत्तेजना की शक्ति भी हो सकती है और इन बयानों के अपराधों के सभी तत्व हैं, याचिकाकर्ता के दैनिक जीवन पर प्रभाव / उसकी सोच / उसकी आस्था / व्यवस्था में उसके विश्वास और ऐसी चीजों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"
आगे कहा गया है किरनौत की टिप्पणी न केवल अपमानजनक और ईशनिंदा थी, बल्कि दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, मानहानिकारक और सिखों को "पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी तरीके से" चित्रित करने का इरादा था।
अधिवक्ता अनिल कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "यह सिखों की निर्दोष हत्या को सही ठहराता है। टिप्पणी पूरी तरह से हमारे देश की एकता के खिलाफ है और अभिनेत्री कानून में गंभीर सजा की हकदार है। उन्हें खारिज या माफ नहीं किया जा सकता है।"
याचिकाकर्ता ने इस प्रकार केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के साथ-साथ राज्य पुलिस अधिकारियों को निवारक कार्रवाई करने का निर्देश देने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर रनौत के किसी भी पोस्ट को बिना संशोधन, विलोपन, संशोधन या सेंसर किए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
अभिनेत्री के खिलाफ सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर उनकी टिप्पणियों के लिए देश भर में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य प्रीति मेनन ने मुंबई पुलिस से संपर्क कर रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की और दावा किया कि उन्होंने टाइम्स नाउ को दिए एक साक्षात्कार में देशद्रोही टिप्पणी की थी।
मुंबई पुलिस ने राणावत के खिलाफ सोशल मीडिया ऐप इंस्टाग्राम पर कथित तौर पर सिख समुदाय की तुलना खालिस्तानियों से करने पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की।
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