दिल्ली स्थित 12वीं कक्षा के एक छात्र ने देशभर में स्कूलों को फिर से खोलने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है जो COVID-19 महामारी के दौरान बंद थे।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र और कई राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार सहित केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से अनिर्णय और शिथिलता के कारण शारीरिक कक्षाएं फिर से शुरू नहीं हुई हैं।
याचिकाकर्ता छात्र ने केंद्र और राज्यों को स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में समग्र, न्यायसंगत और त्वरित निर्णय लेने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की ताकि छात्र समुदाय पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ शारीरिक कक्षाओं में भाग ले सके।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने में देश के छात्र समुदाय के एक बड़े निकाय विशेषकर वंचित और मूक बच्चों की भावनाओं को प्रतिध्वनित कर रहे हैं।
यह प्रस्तुत किया गया था कि स्कूलों के न खुलने से छात्रों पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
इसके अलावा, याचिका में कहा गया है, चूंकि कक्षाएं वस्तुतः ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की जाती हैं, इसलिए आर्थिक रूप से वंचित छात्र ऐसी कक्षाओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
अधिवक्ता रवि प्रकाश मेहरोत्रा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि कई उदाहरणों में छात्रों को नियमित स्कूली शिक्षा के अभाव में केवल अपने परिवार के दबाव में मैनुअल पारिश्रमिक कार्य का सहारा लेना पड़ता है।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
Class 12 student moves Supreme Court seeking reopening of schools across the country