कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति अरुण मोंगा के दिल्ली स्थानांतरण के एक महीने बाद उन्हे वापस राजस्थान HC स्थानांतरित करने की सिफारिश की

न्यायमूर्ति अरुण मोंगा का पिछले महीने ही राजस्थान उच्च न्यायालय से दिल्ली स्थानांतरण हुआ था। उन्होंने 21 जुलाई को दिल्ली में शपथ ली थी।
Justice Arun Monga
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सिफारिश की है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मोंगा को वापस राजस्थान उच्च न्यायालय स्थानांतरित किया जाए।

यह निर्णय न्यायाधीशों के निकाय ने 25 और 26 अगस्त को हुई अपनी बैठकों में लिया।

दिलचस्प बात यह है कि न्यायमूर्ति मोंगा का पिछले महीने ही राजस्थान उच्च न्यायालय से दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरण हुआ था और उन्होंने 21 जुलाई को दिल्ली में पाँच अन्य न्यायाधीशों के साथ शपथ ली थी।

कॉलेजियम ने एक महीने के भीतर उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के पीछे कोई कारण नहीं बताया है।

न्यायमूर्ति मोंगा की स्कूली शिक्षा पंजाब में हुई, जहाँ उनके पिता एक न्यायिक अधिकारी थे। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से प्रथम श्रेणी में बी.एससी. की। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई की। कानून की पढ़ाई के दौरान, वे चंडीगढ़ के एक स्कूल में रसायन विज्ञान पढ़ाते थे।

उन्होंने 1991 में वकालत शुरू की। फिर 1997-98 में वे दिल्ली चले गए, जहाँ उन्होंने 20 साल तक वकालत की, और अक्टूबर 2018 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया और उन्होंने 2023 में 1 नवंबर को शपथ ली।

वहाँ से, पिछले महीने उनका दिल्ली स्थानांतरण हुआ।

दिल्ली से स्थानांतरित किए जाने की सिफारिश की गई अन्य उच्च न्यायालय न्यायाधीश न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू हैं, जिन्हें 2022 में इस पीठ में पदोन्नत किया गया था।

उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है।

[कॉलेजियम का बयान पढ़ें]

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Collegium recommends Justice Arun Monga's transfer back to Rajasthan High Court a month after his Delhi transfer

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