[कोविड-19] दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कैदियो के अंतरिम जमानत मे विस्तार से इंकार वाले आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक

इस महीने की शुरुआत में, उच्च न्यायालय ने उन कैदियों के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिन्हें 2 नवंबर से आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश जिसमे कोविड-19 के आधार पर 2,500 से अधिक कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने से इनकार किया गया पर रोक लगा दी। (National Forum on Prison Reforms v GNCTD)

अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश पर जिसमे विचाराधीन कैदी जो जघन्य अपराधों में शामिल हैं और जिन्हें 2 नवंबर से आत्मसमर्पण करने के लिए इसके द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी, पर रोक लगा दी है

यह आदेश नेशनल फोरम ऑन प्रिज़न रीफ़ोर्म्स द्वारा प्रस्तुत की गई स्पेशल लीव पिटिशन में न्यायाधीश नागेश्वर राव, हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की तीन-न्यायाधीश पीठ ने पारित किया।

याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया कि महानिदेशक (जेल) स्वयं कैदियों को वापस बुलाने / आत्मसमर्पण करने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि इससे जेलों में COVID-19 के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।

याचिकाकर्ता द्वारा किए गए प्रस्तुतिकरण के मद्देनजर, अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और कैदियों के आत्मसमर्पण पर रोक लगा दी।

याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्विस के साथ अधिवक्ता अजय वर्मा, रितु कुमार, हरिनी रघुपति, अंकिता विल्सन, सत्या मित्रा उपस्थित हुए।

एओआर चिराग एम श्रॉफ प्रतिवादी के लिए दिखाई दिए।

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[COVID-19] Supreme Court stays Delhi High Court order refusing to extend interim bail of inmates

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