

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें सोनिया के खिलाफ FIR (FIR) दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। आरोप है कि सोनिया ने भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवा लिया था।
स्पेशल जज (PC Act) विशाल गोगने ने क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन पर सीनियर एडवोकेट पवन नारंग की शुरुआती दलीलें सुनीं और गांधी और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगना सही समझा।
कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2026 को होगी।
क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन विकास त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति ने फाइल की है, जिसमें एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव चौरसिया के 11 सितंबर के ऑर्डर को चैलेंज किया गया है।
त्रिपाठी का केस है कि गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली चुनाव क्षेत्र के इलेक्टोरल रोल में शामिल किया गया था, जबकि वह अप्रैल 1983 में ही भारत की नागरिक बनी थीं।
उन्होंने कहा कि गांधी का नाम 1980 में इलेक्टोरल रोल में शामिल किया गया था, 1982 में हटा दिया गया था, और फिर 1983 में फिर से शामिल किया गया था।
जज चौरसिया ने पिटीशन खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि कोर्ट पिटीशनर की मांग के अनुसार जांच शुरू नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता से जुड़े मामले सिर्फ़ केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल करने या बाहर करने की योग्यता तय करने का अधिकार इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) के पास है।
जज ने आगे कहा कि इस मामले की जांच करने से उन क्षेत्रों में गलत दखल होगा जो खास तौर पर संवैधानिक अधिकारियों को सौंपे गए हैं और यह भारत के संविधान के आर्टिकल 329 का उल्लंघन होगा।
त्रिपाठी ने इस फैसले के सही होने को चुनौती देते हुए एक क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन दायर की है।
त्रिपाठी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट नारंग ने आज कोर्ट को बताया कि नागरिकता मिलने से पहले गांधी का नाम नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होने का मतलब है कि कुछ डॉक्यूमेंट्स ज़रूर जाली होंगे।
उन्होंने कहा, "इलेक्टर लिस्ट में नाम शामिल करवाने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स ज़रूर जाली, मनगढ़ंत और गलत साबित किए गए होंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि त्रिपाठी इन बातों को देखने के लिए पुलिस के पास गए, लेकिन उन्होंने FIR दर्ज नहीं की।
उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा कि चार्जशीट फाइल करो, लेकिन इस पहलू की जांच करने की कोशिश करो।"
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