दिल्ली की एक अदालत ने आज दिल्ली पुलिस की एक याचिका खारिज कर दी जिसमे किसानों के विरोध में आयोजित 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान लाल किले को हुए नुकसान को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की प्राथमिकी में दीप सिद्धू की चार दिन की हिरासत की मांग की गई।
अदालत ने हालांकि सिद्धू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
यह आदेश मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, तीस हजारी न्यायालयों द्वारा पारित किया गया था, जब सिद्धू द्वारा इस मामले में उनकी एक दिन की न्यायिक हिरासत की समाप्ति से पहले उन्हे वर्चुअली पेश किया गया था।
चार दिन की पुलिस हिरासत की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका का सिद्धू के वकील ने विरोध किया था कि गिरफ्तारी नरसंहार और आपराधिक प्रक्रिया का दुरुपयोग था।
यह प्रस्तुत किया गया कि एएसआई प्राथमिकी उसी के समान थी जिसमें सिद्धू को पहले गिरफ्तार किया गया था और 16 अप्रैल को जमानत दी गई थी।
लोक अभियोजन ने यह कहते हुए भरोसा किया कि गिरफ्तारी जांच अधिकारी का विशेषाधिकार है और उसे उचित जांच करने के लिए पुलिस हिरासत लेने का अधिकार है।
सिद्धू का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अभिषेक गुप्ता, जसदीप ढिल्लन ने किया।
सिद्धू ने धारा 167 सीआरपीसी और जमानत के तहत रिहाई के लिए आवेदन भी किया। आवेदनों पर 23 अप्रैल को सुनवाई होगी।
लाल किले की हिंसा को लेकर एफआईआर में जमानत मिलने के एक दिन बाद 17 अप्रैल को सिद्धू को ASI की एफआईआर में गिरफ्तार किया गया था। सिद्धू को पहली बार 9 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
16 अप्रैल को तीस हजारी कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सिद्धू को जमानत देते हुए कहा था कि उन्हें जमानत देने से इंकार से उनके जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें