दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम के तहत सभी कार्यवाही बंद कर दी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देने वाली जैन की याचिका में आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया था कि ये कथित लेनदेन 2011 से मार्च 2016 के बीच हुए थे और इसलिए, बाद में लागू होने वाले कानून में संशोधन लागू नहीं होंगे।
2017 में बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम के माध्यम से अधिनियम में संशोधन किया गया था।
एकल-न्यायाधीश जैन और कई अन्य द्वारा संशोधित कानून के तहत उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे।
गौरतलब है कि इस साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 के विभिन्न प्रावधानों और अधिनियम में 2016 के संशोधनों को असंवैधानिक करार दिया था।
यह माना गया था कि 2016 के संशोधन अधिनियम की धारा 5 के तहत जब्ती के प्रावधान, प्रकृति में दंडात्मक होने के कारण, केवल संभावित रूप से लागू किया जा सकता है, न कि पूर्वव्यापी रूप से।
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