दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की युवाजन श्रमिक रायथू (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (याचिकाकर्ता) द्वारा दायर याचिका में न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एकल-न्यायाधीश पीठ ने फैसला सुनाया।
अदालत ने पाया कि याचिका "पूरी तरह से मेरिट के बिना" थी और इसे खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि चुनाव आयोग द्वारा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को अपने नाम के रूप में अपनाने से रोकने के बावजूद, पार्टी अपने लेटरहेड्स, प्रचार सामग्री और पार्टी प्रशासन के अन्य संपार्श्विक पर अवैध रूप से ऐसा कर रही थी।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वाईएसआर कांग्रेस उसकी अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का एक अभिन्न अंग थी और सत्ता में पार्टी बड़े पैमाने पर दुनिया के सामने नाम का गलत इस्तेमाल कर रही है।
यह तर्क देते हुए कि रेड्डी की पार्टी चुनाव आयोग के वैध निर्देशों और निर्देशों का पालन करने के लिए स्पष्ट, जानबूझकर, पूर्व-मध्यस्थता, जानबूझकर और सचेत अवज्ञा का दोषी थी, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 16 ए के तहत वाईएसआर कांग्रेस को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।
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[BREAKING] Delhi High Court dismisses plea seeking de-registration of YSR Congress Party