[ब्रेकिंग]: फ्यूचर-एमेजन-रिलायंस: दिल्ली उच्च न्यायालय का एमेजन को सेबी जैसी विधिक प्राधिकारियों को लिखने से रोकने से इंकार

न्यायालय ने कहा कि पहली नजर में फ्यूचर रिटेल द्वारा दायर वाद विचारयोग्य है, आपात अवार्ड वैध था और रिलायंस के साथ सौदे को मंजूर करने संबंधी फ्यूचर रिटेल का प्रस्ताव वैध था।
Future Group, Reliance Retail and Amazon
Future Group, Reliance Retail and Amazon
Published on
3 min read

फ्यूचर रिटेल को आज उस समय झटका लगा जब दिल्ली उच्च् न्यायालय ने किशोर बिवानी के स्वामित्व वाली कंपनी के रिलायंस रिटेल के साथ सौदे में हस्तक्षेप करने के लिये एमेजन को रोकने से इंकार कर दिया। एमेजन इस मामले में विधिक प्राधिकारियों के साथ पत्राचार करना चाहता है।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्था सेन्टर के आपात मध्यस्था द्वारा रिलायंस रिटेल के साथ सौदे में आगे कोई और कदम उठाने से फ्यूचर समूह को रोकने के आदेश के बाद न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के वाद में यह आदेश सुनाया।

Justice Mukta Gupta
Justice Mukta Gupta

न्यायालय ने कहा कि विधिक प्राधिकारी कानून के अनुसार अपनी राय बनाने के लिये स्वतंत्र हैं।

न्यायालय ने कहा कि पहली नजर में फ्यूचर रिटेल द्वारा दायर वाद विचारयोग्य है, आपात अवार्ड वैध था और रिलायंस के साथ सौदे को मंजूर करने संबंधी फ्यूचर रिटेल का प्रस्ताव वैध था।

फ्यूचर रिटेल लि ने इस साल के शुरू में मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस रिटेल वेन्चर्स लिमिटेड के साथ अपने सौदे की घोषणा की थी।

फ्यूचर कूपंस प्रा लि में एमेजन की हिस्सेदारी है। इसमें उसके 9.82 प्रतिशत शेयर हैं। इस रिटेल कारोबार ने मध्यस्था का मुद्दा उठाते हुये कहा था कि मुकेश धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियां उन 30 कंपनियों की सूची में है जिनके साथ फ्यूचर ग्रुप कारोबार नहीं कर सकता है।

उच्च न्यायालय में आपात अवार्ड को चुनौती दिये बगैर ही फ्यूचर रिटेल लि ने इस सौदे को विफल करने के प्रयास में एमेजन को सेबी जैसे विधिक प्राधिकरणों को लिखने से रोकने का अनुरोध किया था।

फ्यूचर रिटेल लि का तर्क था कि आपात अवार्ड का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह भारत में लागू नहीं किया जा सकता है।

यह भी दलील दी गयी थी कि फ्यूचर रिटेल लि में नहीं बल्कि फ्यूचर कूपंस प्रा लि में निवेशक होने की वजह से एमेजन का फ्यूचर रिटेल लि और रिलायंस के बीच सौदे में कोई भूमिका नहीं थी।

उच्च न्यायालय में रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल लि के मामले का समर्थन का किया और दलील दी कि एमेजन इस सौदे को रोक कर शरारत कर रहा है क्योंकि इससे फ्यूचर रिटेल लि हाथ से जाने से बच जायेगा।

रिलायंस ने दावा किया कि सभी जरूरी पक्षकारों और इकाईयों ने पहले ही संपत्तियां हस्तांतरित करने की योजना पर सहमति दे दी थी।

दूसरी ओर, एमेजन की दलील थी कि इस मामले में मध्यस्था की कार्यवाही शुरू हो गयी है ओर इसलिए मौजूदा वाद विचार योग्य नहीं है।

एमेजन ने कहा कि आपात अवार्ड सभी पक्षों पर बाध्यकारी है क्योंकि इसे मध्यस्था कानून के भाग I के तहत स्वीकार किया गया था।

इस बीच, प्रतिस्पर्धा आयोग ने रिलांयस रिटेल वेन्चर्स लि. और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लि द्वारा पिछले महीने फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक और भण्डारण कारोबार के अधिग्रहण को मजूरी दे दी थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और डेरियस खंबाटा फ्यूचर रिटेल की ओर से पेश हुये जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रिलायंस की ओर से बहस की। एमेजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम, राजीव नायर और अमित सिब्बल पेश हये।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें

[Breaking]: Future-Amazon-Reliance: Delhi High Court refuses to restrain Amazon from writing to statutory authorities

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com