दिल्ली हाईकोर्ट ने आज आम आदमी पार्टी सरकार से सभी कैदियों और जेल कर्मचारियों को COVID-19 वैक्सीन देने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा (शारदा जैन बनाम जीएनसीटीडी)।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने 63 वर्षीय दोषी शारदा जैन (याचिकाकर्ता) द्वारा दायर याचिका में नोटिस जारी किया।
वकील अमित साहनी के माध्यम से दायर याचिका में, याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया है कि तिहाड़ जेल देश के सबसे भीड़भाड़ वाले जेल परिसरों में से एक है और इसलिए, सामाजिक दूरी को बनाए रखना और COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन करना मानवीय रूप से असंभव है।
याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि यहां तक कि कैदियों को स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार है और जेलों में किसी भी बीमारी को अनुबंधित नहीं करने का अधिकार है।
सुनवाई के दौरान, अदालत को दिल्ली के मंडोली जेल में COVID-19 मामलों में वृद्धि पर समाचार पत्र भी दिखाया गया था।
इस मुद्दे पर किसी भी अंतरिम आदेश को पारित करने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि COVID-19 बाहर रहने का साधन नहीं है।
अदालत ने फिर भी अधिकारियों को कैदियों के टीकाकरण के मुद्दे के संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा।
दिल्ली सरकार के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील, राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि जेलों में कोविड-19 का प्रकोप नहीं है और सब कुछ नियंत्रण में है।
इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
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