दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (यूएएच) के संस्थापक अब्दुल खालिद सैफी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जो दिल्ली दंगों की साजिश मामले में आरोपी है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने सैफी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन और दिल्ली पुलिस के लिए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद की सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
विशेष अदालत ने आठ अप्रैल को सैफी को जमानत देने से इंकार कर दिया था। ऐसा करते हुए अदालत ने माना था कि सैफी पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं।
उन्हें फरवरी 2020 में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। सैफी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का आरोप लगाया गया था, पुलिस ने आरोप लगाया था कि वह उमर खालिद और शारजील इमाम जैसे अन्य सह-साजिशकर्ताओं के साथ दिल्ली दंगों की योजना बनाने में शामिल थे।
पुलिस ने आगे आरोप लगाया कि सैफी ने राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को एक मोर्चे के रूप में इस्तेमाल किया।
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Delhi Riots conspiracy case: Delhi High Court reserves orders on bail plea of Khalid Saifi