शिक्षा प्रणाली मे गड़बड़ी न करे:SC ने CBSE,ICSE के छात्रो की टर्म परीक्षा के लिए हाइब्रिड विकल्प की मांग वाली याचिका खारिज की

अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा, "शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ न करें। अधिकारियों को अपना काम जारी रखने दें।"
शिक्षा प्रणाली मे गड़बड़ी न करे:SC ने CBSE,ICSE के छात्रो की टर्म परीक्षा के लिए हाइब्रिड विकल्प की मांग वाली याचिका खारिज की
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छह छात्रों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शारीरिक परीक्षाओं के बजाय हाइब्रिड मोड से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। (उर्वशी नायडू बनाम सीबीएसई)।

जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि परीक्षा पहले ही शुरू हो चुकी है और अगर कोर्ट इस स्तर पर हस्तक्षेप करता है तो व्यावहारिक कठिनाइयां होंगी।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े से कहा, "परीक्षाएं चल रही हैं। आइए व्यावहारिक बनें। अब इसे ऑनलाइन कैसे किया जा सकता है? अब उन्हें इसे स्थापित करना होगा। अब बहुत देर हो चुकी है और परीक्षाओं को पुनर्निर्धारित नहीं किया जा सकता है।"

पीठ ने आगे कहा, "शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ न करें। अधिकारियों को अपना काम जारी रखने दें।"

कोर्ट ने यह भी नहीं लिया कि याचिकाकर्ता ने ग्यारहवें घंटे में कोर्ट का रुख किया।

कोर्ट ने कहा, "आपने बहुत देर कर दी है। हर बार ऐसा होता है और सुर्खियां बनती हैं। इस आखिरी मिनट के काम को हतोत्साहित करना होगा।"

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को भी ध्यान में रखा कि परीक्षा आयोजित करने के लिए सभी सावधानियां बरती गई हैं।

उन्होंने कहा, "कोविड संबंधी चिंताओं का ध्यान रखा गया है। पहले 40 छात्र कक्षा में बैठते थे, लेकिन अब केवल 12 छात्र ही कक्षा में बैठेंगे ताकि सामाजिक दूरी बनी रहे। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 15,000 कर दी गई है।"

इन सब को देखते हुए कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए सीबीएसई और आईसीएसई / आईएससी परीक्षा के टर्म 1 और सेमेस्टर 1 16 नवंबर और 22 नवंबर से आयोजित होने वाले हैं और अनिवार्य शारीरिक मोड में होंगे।

याचिका में कहा गया था कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड हाइब्रिड मोड के बजाय ऑफलाइन / फिजिकल मोड अपनाकर COVID दिशानिर्देशों के उल्लंघन में काम कर रहे हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि दिसंबर 2021 में मेजर विषयों की परीक्षा से पहले नवंबर 2021 में फिजिकल मोड में माइनर विषयों की परीक्षा होगी। इससे प्रमुख विषयों की परीक्षाओं को सुपर स्प्रेडर में बदलने की संभावना और बढ़ जाएगी।

याचिका में कहा गया है कि परीक्षाओं का हाइब्रिड मोड सामाजिक दूरी को बेहतर बनाता है जिससे लॉजिस्टिक बाधाओं पर दबाव कम होता है।

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"Don't mess up the education system:" Supreme Court dismisses plea by CBSE, ICSE students seeking hybrid option for term exams

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