दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 महामारी की तीव्रता में गिरावट को ध्यान में रखते हुए शारीरिक सुनवाई के लिए बेंचों की संख्या बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।
हाईकोर्ट की ग्यारह बेंच - दो डिवीजन बेंच, तीन सिंगल बेंच (सिविल), तीन सिंगल बेंच (क्रिमिनल) और तीन मूल अधिकार क्षेत्र पीठ- अब 18 जनवरी, 2021 से फिजिकल सुनवाई शुरू करेंगी।
उच्च न्यायालय की अन्य बेंचें रोस्टर के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों पर सुनवाई जारी रखेंगी।
सभी बेंच मौजूदा व्यवस्था के अनुसार मामलों को उठाती रहेंगी।
लंबित दिनचर्या / गैर जरूरी मामलों को 18 जनवरी से 20 फरवरी तक सूचीबद्ध किया गया है।
उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि 18 जनवरी से शहर की निचली अदालतें प्रत्येक वैकल्पिक दिन पर शारीरिक रूप से कार्य कर सकती हैं।
हाईकोर्ट ने जारी नोटिस मे कहा कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय (मुख्यालय) अपने-अपने जिलों के सभी अधीनस्थ न्यायालयों का रोस्टर इस तरह से तैयार करेंगे कि ऐसी अदालतें वैकल्पिक आधार पर शारीरिक रूप से बैठें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों को उठाती रहें।
अधीनस्थ न्यायालयों को सामाजिक भेद के मानदंडों का पालन करते हुए साक्ष्य दर्ज करने की अनुमति दी गई है।
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