दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ई-सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री नहीं हो। [शिव विनायक गुप्ता और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य]।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह शिक्षण संस्थानों के पास समय-समय पर जांच करे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये ई-सिगरेट बेची नहीं जा रही हैं।
अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम को सख्ती से लागू करने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निस्तारण करते हुए यह आदेश पारित किया।
इसमें कहा गया था कि कानून लागू होने के बावजूद ई-सिगरेट और इसी तरह के पदार्थ बाजार में मौजूद हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 21 का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए निर्दोष नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
याचिका अधिवक्ता शिव विनायक गुप्ता और अनुभव त्यागी ने दायर की थी।
उन्होंने तर्क दिया कि स्थानीय पान की दुकानें खुलेआम ई-सिगरेट बेच रही थीं और उनकी शिकायत पर ही पुलिस ने कोई कार्रवाई की।
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने का भी निर्देश दिया।
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