![[ब्रेकिंग] राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू, दिल्ली सरकार का मतलब होगा उपराज्यपाल](http://media.assettype.com/barandbench-hindi%2F2021-04%2F7acaf538-6a4f-491b-86df-69f8ae7f4839%2Fbarandbench_2021_04_b1a0a2c5_b44a_4325_b29d_e31dcec930b8_delhi_signboard.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2021 27 अप्रैल से लागू हो गया है जो दिल्ली के लिए उपराज्यपाल के रूप में सरकार को परिभाषित करता है।
इस आशय की अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की गई थी।
संशोधन अधिनियम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (अधिनियम) में परिवर्तन किया गया है जो कुछ मामलों में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को सीमित करते हुए उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाता है।
केंद्र ने कहा है कि यह संशोधन एनसीटी दिल्ली सरकार बनाम भारत सरकार संघ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई व्याख्या को प्रभावी करने के लिए लाया गया है।
अधिनियम की वस्तुओं के बयान में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करना है कि उपराज्यपाल को मामलों के चुनिंदा श्रेणी में संविधान के अनुच्छेद 239AA के खंड (4) के तहत उन्हें सौंपी गई शक्ति का प्रयोग करने का अवसर प्रदान किया जाए। यह ध्यान दिया जा सकता है कि अनुच्छेद 239AA उन विशेष प्रावधानों से संबंधित है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली पर लागू होते हैं और जो इसके कामकाज को नियंत्रित करेंगे।
अधिनियम यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उपराज्यपाल मामलों में नियम बना सकते हैं जो विधान सभा के पूर्वावलोकन के बाहर होने वाले मामलों पर आकस्मिक रूप से अतिक्रमण करता है।
यह भी कहा गया है कि विधेयक विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देगा और निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल की जिम्मेदारियों को आगे बढ़ाएगा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रशासन की संवैधानिक योजना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्याख्या की जाएगी।
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