ज्ञानवापी - विश्वनाथ केस : सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग के वैज्ञानिक विश्लेषण के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश आगे के लिया टाला

न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्देशों को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षकार द्वारा दायर अपील पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा।
Gyanvapi- Kashi dispute
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्देश को फिलहाल के लिए टाल दिया, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के दौरान मिली वस्तु शिवलिंग है या फव्वारा है, यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी गई है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने फिलहाल के लिए उच्च न्यायालय के निर्देशों को टालते हुए आदेश पारित किया।

न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षकार द्वारा दायर अपील पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा।

कोर्ट ने निर्देश दिया, "विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को आज सूचीबद्ध किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन मुख्य मामला एसएलपी आज सूचीबद्ध किया गया है। सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता यूपी और भारत संघ के लिए पेश हुए। एसएलपी को बोर्ड पर लिया गया है। नोटिस जारी किया जाए। पक्ष नोटिस स्वीकार करते हैं। चूंकि उच्च न्यायालय के आदेश के निर्देशों के निहितार्थों की बारीकी से जांच की जाएगी, इसलिए इसे अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।"

पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के दौरान मिली वस्तु शिव लिंग या फव्वारा है, यह पता लगाने के लिए एक वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी थी।

गुरुवार को इस मामले में मुस्लिम पक्षकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफा अहमदी ने इस मामले का उल्लेख किया।

उन्होंने प्रस्तुत किया था कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका में रखरखाव के मुद्दे पर वाराणसी अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, लेकिन कार्बन डेटिंग के आदेश को अदालत ने अनुमति दी थी।

उच्च न्यायालय ने पाया था कि एएसआई की एक तकनीकी और वैज्ञानिक रिपोर्ट ने शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच करने के रास्ते खोल दिए हैं, जिससे संबंधित संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

इसलिए, इसने वाराणसी जिला न्यायालय के अक्टूबर, 2022 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें वैज्ञानिक जांच करने के लिए एएसआई को निर्देश देने की मांग करने वाले हिंदू पक्षकारों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

मामले में मुस्लिम पक्षकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफा अहमदी ने गुरुवार को मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया था।

कोर्ट ने तब मामले को आज के लिए सूचीबद्ध किया था।

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