मणिपुर में घटी दर्दनाक घटना के वाक़िये पर सरकार ने फ़ैसला किया है कि भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच करेगी, सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह महिलाओं के खिलाफ़ किए जाने वाले किसी भी अपराध को बर्दाश्त नही करेगी और इन दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि इसका संदेश पूरे देश में जाए।
सरकार ने कहा कि उसने राज्य सरकार की सहमति से सीबीआई जैसे निष्पक्ष जांच एजेंसी को इस मामले की जांच के लिए चुना है।
सरकार ने भी दावा किया है कि जांच जल्दी पूरी की जाएगी और मुक़दमा वक़्तबद्ध रूप से चलेगा।
मणिपुर में हालिया दंगे और हिंसा की मुख्य वजह है कुछ जातियों का विरोध। इस विरोध का कारण है मैटेई समुदाय की एसटी एससी सूची में शामिल होने की माँग।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस खौफ़नाक वीडियो के चलते सुप्रीम कोर्ट ने sou moto मामले को दर्ज करके केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा था
मामले के सम्बंध में गृह मंत्रालय द्वारा दावा किया गया है कि कम से कम सात आरोपी हिरासत में हैं और वे विभिन्न अपराधों के तहत गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें रेप और हत्या भी शामिल है।
इस वाक़िये को लेकर लोगों बहुत गुस्सा है और समाज में इस घिनौनी घटना के खिलाफ न्याय की माँग हो रही है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले की जांच को मणिपुर से बाहरी राज्य में आयोजित किया जाए।
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