मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और बार के वरिष्ठ सदस्यों ने न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा को, जो आज उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हो गये, को विदाई दी।
परपंरा के अनुसार न्यायमूर्ति मिश्रा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन आज मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे के साथ पीठ साझा की।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने अपने संक्षिप्त विदाई भाषण में कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह इस न्यायालय की सर्वोच्च ताकत से आया था।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ही अपने विद्वान सहयोगियों से मिली ताकत के शस्त्र के इस्तेमाल का प्रयास किया। मैंने जो कुछ भी किया उसके पीछे आपकी ताकत थी।’’
बार के प्रति आभार व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा,
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि न्यायाधीश के रूप में "अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रत्येक मामले में अपने अंत:करण के साथ विचार किया है।’’
न्यायमूर्ति मिश्रा ने प्रशांत भूषण के अवमानना मामले की सुनवाई कर उस पर फैसला सुनाया था। इस मामले का जिक्र् करते हुये न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा,
‘‘अवमानना के पिछले मामले में भी अटार्नी जनरल ने कहा कि वह कोई सजा (प्रशांत भूषण के लिये) नहीं चाहते लेकिन….’’
मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि यह पहला अवसर है जब वह और न्यायमूर्ति मिश्रा एक साथ बैठे हैं और यह अंतिम बार भी है। उन्होंने कहा,
न्यायमूर्ति मिश्रा के विदाई समारोह में न्यायालय कक्ष में अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सालिसीटर जनरल तुषार मेहता, उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे और उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स ऑन रिकार्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी जाधव के अलावा बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।
अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति मिश्रा को उच्चतम न्यायालय के एक सख्त न्यायाधीश बताया जबकि दूसरे विधि अधिकारियों ने उनकी नयी पारी मे सफलता की कामना की।
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