मद्रास उच्च न्यायालय में वर्ष के अंतिम कार्य दिवस पर संगीतकार इलैयाराजा और प्रसाद स्टूडियो के मालिकों के बीच चल रहे विवाद का समझौता हो गया। इस समझौते के तहत प्रसाद स्टूडियो के मालिक संगीतकार इलैयाराजा को उस संगीत कक्ष में एक दिन ध्यान लगाने की अनुमति देंगे लेकिन उन्हें 2019 में स्टूडियो में प्रवेश नहीं दिये जाने को लेकर दायर मामले वापस लेने होंगे। इसी संगीत कक्ष में इलैयाराजा ने 35 साल तक अपने गीतों की रचना की थी।
न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार ने इलैयाराजा और प्रसाद स्टूडियो के बीच वाद का निस्तारण करते हुये निम्न बिन्दुओं को अपने आदेश में रिकार्ड किया:
इलैयाराजा को उस कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी जहां उन्होंने 35 साल तक अपने गीतों की रचना की थी ताकि वह एक दिन के लिये वहां ध्यान लगा सकें।
प्रतिवादी (स्टूडियो के मालिक) यह सुनिश्चित करेंगे कि उस कक्ष में और कोई भी उपस्थित नहीं रहे। न्यायालय को बताया गया कि इलैयाराजा जिस मूल कक्ष का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब इसे आईटी कक्ष में तब्दील कर दिया गया है। इलैयाराजा को जब इस कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी तो भीतर और कोई नहीं होगा।
इलैयाराजा अब कक्ष में ध्यान लगा रहे होंगे तो उसी दौरान एक अलग कमरे में रखा उनका सामान पैकर्स एंड मूवर्स की सेवायें लेकर हटाया जायेगा। यह सेवा प्रतिवादी ही लेगा।
यह सामान कमरे से हटाये जाने से पहले न्यायालय द्वारा नियुक्त कमिशनर अलग कमरे में रखे सामान की सूची तैयार करेगा।
परिसर में इलैयाराजा के प्रवेश के समय कमिशनर के अलावा उनके साथ सिर्फ तीन सदस्यों –उनके एक निजी सहायक और दो संगीत सहायकों को ही आने की अनुमति होगी।
इलैयाराजा और प्रतिवादी किसी भी तरह का वाद विवाद नहीं करेंगे। इनमें से कोई भी अगर दूसरे पक्ष को कोई संदेश देना चाहेगा तो ऐसा सिर्फ न्यायालय द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिशनर के माध्यम से ही होगी। किसी भी अधिकार के मुद्दे पर वादी और प्रतिवादी के बीच किसी भी प्रकार की बहस नहीं होगी।
इलैयाराजा ने न्यायालय से कहा है कि वह स्टूडियो के खिलाफ निचली अदालत में दायर सारे लंबित वाद वापस लेंगे। संबंधित पक्ष अपने मतभेद भुलाकर उनके बीच व्याप्त विवाद खत्म करेंगे।
परिसर में प्रवेश की तारीख वादी के अधिवक्ता और प्रतिवादी न्यायालय द्वारा नियुक्त कमिशनर से परामर्श से तय करेंगे।
न्यायालय ने सारे मामले को देखने के लिये अधिवक्ता वी लक्ष्मी नारायणन को एडवोकेट कमिशनर नियुक्त किया है और अधिवक्ता नवीन कुमार मूर्ति उनकी सहायता करेंगे।
इलैयाराजा सवेरे 9 बजे से अपराह्न 4 बजे के बीच परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। एडवोकेट कमिशनर यह सुनिश्चित करेंगे कि समय का पालन किया जाये। यह समय बढ़ाया जा सकता है लेकिन सूची तैयार करने के लिये अपराह्न पांच बजे से आगे नहीं होगा।
प्रसाद स्टूडियो में इलैयाराजा के प्रवेश के समय चेन्नै के पुलिस आयुक्त सुरक्षा प्रदान करेंगे और किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या से निबटने के लिये भीड़ को नियंत्रित करेंगे।
ऐसा समझा जाता है कि इलैयाराजा ध्यान लगाने के लिये सोमवार को ही प्रसाद स्टूडियो जायेंगे।
यह मामला उस समय न्यायालय पहुंचा जब इलैयाराजा को प्रसाद स्टूडियो का नवीनीकरण होने के आधार पर 2019 में इसमें प्रवेश की अनुमति देने से इंकार कर दिया गया था। बताया जाता है कि इस संगीतकार ने स्टूडियो पट्टे पर लेने प्रस्ताव रखा लेकिन इसे भी स्टूडियो ने अस्वीकार कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय में इस मामले में इलैयाराजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस रमण और अधिवक्ता केवी सजीव कुमार पेश हुये जबकि प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द पांडियान और टीवी रामानुजम तथा अधिवक्ता अब्दुल सलीम और एस. इलमभारती पेश हुये।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें