अमित शाह के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व ने देखा शांति का नया युग: जस्टिस अरुण मिश्रा

न्यायमूर्ति मिश्रा ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में आतंकवादियों का महिमामंडन नहीं किया जा सकता है और मानवाधिकार रक्षकों को राजनीतिक हिंसा की निंदा करनी चाहिए।
Amit Shah, Justice Arun Mishra
Amit Shah, Justice Arun Mishra
Published on
2 min read

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अथक प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्य शांति और कानून व्यवस्था के नए युग का गवाह बन रहे हैं।

एनएचआरसी के 28वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि भारत को एक मजबूत लोकतंत्र बनाने का श्रेय नागरिकों और देश के नेतृत्व को जाता है।

उन्होंने कहा, "मैं गृह मंत्री अमित शाह का तहे दिल से स्वागत करता हूं। आपके अथक प्रयासों से जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व ने शांति और कानून व्यवस्था का एक नया युग देखा है।"

न्यायमूर्ति मिश्रा ने भारत में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की तिरछी तस्वीर पेश करने के लिए "अंतरराष्ट्रीय ताकतों" को भी दोषी ठहराया।

उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय ताकतों के इशारे पर भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाना अब एक आदर्श है। हम आतंकवादियों और आतंकवाद का महिमामंडन नहीं कर सकते। किसी को भी संस्थानों को नष्ट करने की आजादी नहीं है।"

उन्होंने कहा कि भारत और विदेशों में राजनीतिक हिंसा खत्म नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, "20वीं सदी में, दुनिया भर में राजनीतिक हिंसा के कारण लगभग 12 करोड़ लोग मारे गए। हम निर्दोष मनुष्यों के हत्यारों का महिमामंडन नहीं कर सकते। ऐसे आतंकवादियों को स्वतंत्रता सेनानी नहीं कहा जा सकता। मानवाधिकार रक्षकों को राजनीतिक हिंसा की निंदा करनी चाहिए।"

मिश्रा ने भारतीय नागरिकों द्वारा प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता सहित स्वतंत्रता पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "हर किसी को मंदिर, चर्च और मस्जिद बनाने की आजादी है। ऐसी आजादी कई अन्य देशों में उपलब्ध नहीं है।"

उन्होंने कहा, "तत्काल न्याय की तलाश में, झूठे मामले थोपने की पुलिस की प्रवृत्ति है। इसे रोकना होगा।"

मिश्रा ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में सुधार होना चाहिए ताकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की जरूरत ही न पड़े।

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व और गरीबों को दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "हमें विश्व स्तर पर सोचना होगा और पर्यावरण को बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्य करना होगा। हम ग्रह पृथ्वी के संरक्षक हैं, इसलिए अपनी मातृभूमि को बचाना हमारा कर्तव्य है।"

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें


Jammu & Kashmir, North-East have seen new era of peace due to Amit Shah's efforts: Justice Arun Mishra

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com