दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमे केंद्र सरकार से निर्देश मांगे कि समाचार चैनल सांप्रदायिक वैमनस्य और अभद्र भाषा का प्रचार न करें। (असगर खान बनाम यूओआई)
न्यायमूर्ति अशोक मेनन की खंडपीठ ने एम शिवशंकर द्वारा दिए गए दो आवेदनों में आज आदेश सुनाया। एम. शिवशंकर, केरल के मुख्यमंत्री के निलंबित प्रमुख सचिव, ने सीमा शुल्क विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोने की तस्करी मामले में शुरू की गई जांच के संबंध में गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत का रुख किया।
एम। शिवशंकर सोने की तस्करी मामले के आरोपी स्वप्न सुरेश के संपर्क में आने के बाद एक राजनीतिक तूफान के केंद्र में रहे हैं।
सुरेश पर आरोप है कि उसने राजनयिक चैनलों के माध्यम से सोने की तस्करी के आरोपी एक समूह का हिस्सा था। वह यूएई वाणिज्य दूतावास, तिरुवनंतपुरम में एक पूर्व कर्मचारी हैं।
शिवशंकर ने यूएई वाणिज्य दूतावास में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें परिचित कराया और कहा कि उन्होंने अपनी आधिकारिक क्षमता में उनके साथ बातचीत की।
उसने कहा, जब तक सोने की तस्करी के मामले के बारे में खबरें सामने नहीं आईं, उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं था कि सुरेश सोने की तस्करी में शामिल था।
ईडी द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई जांच में शिवशंकर ने पहले अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी। बाद में 19 अक्टूबर को कुछ उच्च नाटक के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सीमा शुल्क विभाग द्वारा शुरू की गई जाँच के संबंध में गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें