उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को COVID-19 महामारी के बीच कुंभ मेला और चार धाम यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों या सभाओं के आयोजन के दौरान COVID प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि इन धार्मिक आयोजनों के दौरान सामाजिक दूरियों के मानदंडों के घोर उल्लंघन से राज्य को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, "पहले हम कुंभ मेले की गलती करते हैं, फिर चार धाम हैं। हम बार-बार खुद को शर्मिंदा क्यों करते हैं?"
अदालत द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद यह टिप्पणी आई, जिसमें कई पुजारियों को बद्रीनाथ और केदारनाथ में सामाजिक दूरी के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए दिखाया गया था।
कोर्ट ने कहा, “निगरानी कौन कर रहा है या यह पुजारियों पर छोड़ दिया गया है? कोरोना वायरस पुजारियों में फैल गया तो क्या होगा? यहां तक कि जब देवता की पूजा की जा रही हो, तो आप बीस पुजारियों को कमरे के छोटे आकार के कारण प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे सकते।“
राज्य पर्यटन विभाग के एक प्रतिनिधि ने अदालत को बताया कि प्रत्येक पूजा स्थल के लिए दूरी सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग चिह्न हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, "कोई भी आपके चिन्हों का पालन नहीं कर रहा है। कृपया चार धाम के लिए एक चॉपर ले जाएं, आपको पता चल जाएगा कि वास्तविकता क्या है।
कोर्ट ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार को अदालत के बजाय उल्लंघन करने वालों से सवाल पूछने चाहिए।
उन्होने कहा, "जो वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। अदालत से ये सवाल पूछने के बजाय आपको खुद ये सवाल पूछने चाहिए। आप कागज पर आदेश जारी कर रहे हैं, कोई अमल नहीं कर रहा है।"
मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि राज्य उत्तराखंड लोगों और केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह है।
मुख्य न्यायधीश ने कहा, हम खुद को शर्मिंदा करते हैं। बाकी देश कह रहा है कि उत्तराखंड क्यों नहीं सीख सकता? मुझे शर्म आती है जब सहकर्मी मुझे बुलाते हैं और पूछते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है ... आप कोर्ट को बेवकूफ बना सकते हैं लेकिन आप लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते, सच्चाई वहां मौजूद है... आप देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं।
मामले की अगली सुनवाई 9 जून को होगी।
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