
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने शुक्रवार को हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति द्वारा दायर राहत याचिका पर सुनवाई करते हुए विवादास्पद टिप्पणी की।
जब आरोपी महिला के वकील ने बताया कि उनकी मुवक्किल का वजन ज़्यादा है, तो जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा,
"क्या यह राहत का आधार होना चाहिए?"
इसके बाद वकील ने कहा कि वह अपनी मुवक्किल की बीमारियों का हवाला दे रहा था। इस पर जज ने जवाब दिया,
"उसे हिरासत में रहने दें ताकि उसका वजन कम हो जाए।"
जस्टिस त्रिवेदी पहले भी आपराधिक मामलों में ज़मानत या इसी तरह की राहत देने से कतराती रही हैं। मई 2024 में एक सुनवाई के दौरान उन्होंने यहाँ तक कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ज़मानत के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "जमानत के मामलों में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह मेरी राय है। इसे उच्च न्यायालयों तक सीमित कर देना चाहिए...सुप्रीम कोर्ट जमानत न्यायालय बन गया है।"
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Let accused stay in custody to reduce weight: Justice Bela Trivedi of Supreme Court