[महाराष्ट्र राजनीतिक संकट] "नबाम रेबिया के फैसले मे अंतर भरने की जरूरत है:" एससी ने संवैधानिक पीठ को मुद्दों को संदर्भित किया

कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह तब तक कोई फैसला न करे जब तक कि संवैधानिक पीठ मामले की परसों सुनवाई नहीं कर लेती।
Maharashtra Politics
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं के एक बैच से उत्पन्न मुद्दों को पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना की अध्यक्षता वाली एक पीठ महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के गठन, बागी विधायकों की अयोग्यता और शिवसेना के धनुष-बाण चिह्न पर अधिकार से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

शीर्ष अदालत ने आदेश दिया, "मामले को परसों संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें और पीठ चुनाव चिन्ह से संबंधित चुनाव आयोग की कार्यवाही के बारे में फैसला करेगी।"

कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह तब तक कोई फैसला न करे जब तक कि संविधान पीठ मामले की परसों सुनवाई न कर ले।

CJI ने कहा कि अयोग्यता कार्यवाही शुरू करने के लिए डिप्टी स्पीकर की शक्ति के संबंध में नबाम रेबिया बनाम डिप्टी स्पीकर के मामले में निर्णय द्वारा छोड़े गए अंतर को देखने के लिए एक संविधान पीठ की आवश्यकता थी।

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[Maharashtra Political Crisis] "Nabam Rebia judgment needs gap filling:" Supreme Court refers issues to Constitution Bench

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