वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि दो पक्षों के बीच विवाह की स्थिति एक पत्नी को अपने पति पर वैवाहिक बलात्कार के लिए मुकदमा चलाने की क्षमता से वंचित करने का पर्याप्त कारण नहीं हो सकती है। [आरआईटी फाउंडेशन बनाम भारत संघ]।
उन्होने कहा, "आपके लॉर्डशिप ले समक्ष सामग्री की लंबाई और चौड़ाई को देखते हुए, मुझे विश्वास नहीं है कि किसी के लिए यह कहना संभव है यह सोचने का कोई न्यायोचित आधार है कि दोनों पक्षों के बीच विवाह की स्थिति पत्नी को बलात्कार के कृत्य के लिए अपने पति पर मुकदमा चलाने की क्षमता से वंचित करने के लिए पर्याप्त है।"
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