बच्चा न होने पर मां ने लगाया बेटा, बहू पर मुकदमा; पोते या ₹5 करोड़ का मुआवजा मांगा

वादी ने कहा कि वह अपने वंश के समाप्त होने के विचार से व्यथित थी और लोगों द्वारा उसी के लिए उसका मजाक उड़ाया गया था।
बच्चा न होने पर मां ने लगाया बेटा, बहू पर मुकदमा; पोते या ₹5 करोड़ का मुआवजा मांगा

हरिद्वार जिला न्यायालय के समक्ष दायर एक अजीबोगरीब मामले में एक मां ने अपने बेटे और बहू पर आरोप लगाया है कि वे बच्चा न होने से उसे मानसिक प्रताड़ित कर रहे हैं। [साधना प्रसाद बनाम सागर]।

वादी ने दंपति को एक वर्ष के भीतर पोते की खुशी प्रदान करने के लिए एक निर्देश देने की मांग की है, जिसमें विफल रहने पर उन्हें 5 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

बहू के माता-पिता और भाइयों को भी मुकदमे में पक्षकार के रूप में जोड़ा गया है।

सूट के अनुसार, उनका एक इकलौता बेटा है जो वर्तमान में एक प्रतिष्ठित एयरलाइन में पायलट है। उसने कहा कि उसने उसे बहुत प्यार से पाला और संयुक्त राज्य अमेरिका में उसकी शिक्षा में सहायता की।

याचिका में कहा गया है कि अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए वादी ने 2016 में अपने बेटे की शादी करा दी।

सूट ने कहा "शादी के बाद, बड़ी आशा और विश्वास के साथ, विपरीत पक्षों को हनीमून के लिए थाईलैंड भेजा गया।"

वादी ने यह भी कहा कि उसने जोड़े को अपने हनीमून पर खर्च करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये दिए।

उसने आगे कहा कि अपने बेटे की देखभाल के लिए करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए।

वादी तब वादी द्वारा खर्च किए गए धन को सूचीबद्ध करने के लिए आगे बढ़ा।

वादी ने यह भी कहा कि उसने जोड़े को अपने हनीमून पर खर्च करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये दिए।

उसने आगे कहा कि अपने बेटे की देखभाल के लिए करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए।

वादी तब वादी द्वारा खर्च किए गए धन को सूचीबद्ध करने के लिए आगे बढ़ा।

सूट मे कहा गया कि, "यह कि प्रार्थीया ने विपक्षी संख्या 1 को वायुयान उडाने हेतु यू०एस०ए० से प्रशिक्षण दिलवाया। जिसकी फीस 35,00,000/- (पैंतीस लाख) रू0 प्रार्थीया ने अदा की है। इसके अतिरिक्त यू०एस०ए० में रहन सहन का खर्चा लगभग 20,00,000 / - (बीस लाख) प्रार्थीया ने उठाया है तथा विपक्षी संख्या 1 व 2 की खुशी हेतु प्रार्थीया ने दोनों को घूमने फिरने हेतु एक ओडी ए-6 कार मु०-65,00,000 /- (पैसठ लाख) की खरीद कर दी जो पी०एन०बी० बैंक से लोन पर है।"

वादी ने आगे आरोप लगाया कि बहू झगड़ालू थी और वादी और उसके पति को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी।

इस वजह से, उन्होंने अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित किया कि जोड़े को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाए। हालांकि, दंपति ने हैदराबाद जाने की साजिश रची, जिसके बाद उन्होंने वादी और उसके पति से संपर्क करना बंद कर दिया।

याचिका में दावा किया गया इसके बाद, वादी ने दंपति से एक पोता पैदा करने का आग्रह किया, लेकिन फिर दंपति ने अलग होने का बहाना बनाना शुरू कर दिया।

वाद के अनुसार, वादी मानसिक पीड़ा और प्रताड़ना झेल रही है क्योंकि उसे एक पोते से वंचित किया जा रहा है। उसने उसी के लिए लोगों द्वारा उसकी आलोचना करने पर भी अपना दुख व्यक्त किया।

याचिका में कहा गया है कि शादी की तारीख 9 दिसंबर 2016 से 6 मई 2022 तक कई साल बीत जाने के बाद भी वादी को पोते और पोती के सुख से वंचित रखा गया है।

उनका तर्क था कि दंपति के कृत्यों के कारण उनका वंश समाप्त हो जाएगा।

इसलिए, याचिका में अदालत से यह निर्देश देने की मांग की गई कि वादी और उसके पति को एक साल के भीतर पोता दिया जाए।

बहू के परिवार को भी दंपत्ति के वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप न करने का निर्देश देने की मांग की गई।

वैकल्पिक रूप से, यह प्रार्थना की गई कि यदि इन निर्देशों को लागू नहीं किया जाता है, तो याचिकाकर्ता को मानसिक पीड़ा के मुआवजे के रूप में 5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

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Mother sues son, daughter-in-law for not having child; seeks grandchild or ₹5 crore compensation

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