अंतरराष्ट्रीय ताकतों के इशारे पर भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने का नया मानदंड: एनएचआरसी अध्यक्ष अरुण मिश्रा

उन्होंने कहा कि भारतीय धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं जो कई अन्य देशों में उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसी स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं हो सकता कि देश आतंकवाद का महिमामंडन करेगा।
Justice Arun Mishra
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने मंगलवार को कहा भारत आज सबसे मजबूत लोकतांत्रिक ताकतों में से एक है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ताकतों के इशारे पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने की एक नई प्रवृत्ति है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "भारत आज सबसे मजबूत लोकतांत्रिक ताकतों में से एक है और इसका श्रेय नागरिकों और नेतृत्व को जाता है। अब अंतरराष्ट्रीय ताकतों के इशारे पर भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाना एक आदर्श है।"

उन्होंने कहा कि भारतीय धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं जो कई अन्य देशों में उपलब्ध नहीं है, और यहां के नागरिकों को मंदिर, चर्च और मस्जिद बनाने की स्वतंत्रता है।

"ऐसी स्वतंत्रता कई अन्य देशों में उपलब्ध नहीं है। (लेकिन) हम आतंकवाद और आतंकवादियों का महिमामंडन नहीं कर सकते। किसी को भी अपने घृणित कृत्य के माध्यम से संस्थानों को नष्ट करने की स्वतंत्रता नहीं है।"

न्यायमूर्ति मिश्रा एनएचआरसी के 28वें स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, "तत्काल न्याय की तलाश में, झूठे मामले थोपने की पुलिस की प्रवृत्ति है। इसे रोकना होगा।"

मिश्रा ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में सुधार होना चाहिए ताकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की जरूरत ही न पड़े।

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व और गरीबों को दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "हमें विश्व स्तर पर सोचना होगा और पर्यावरण को बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्य करना होगा। हम ग्रह पृथ्वी के संरक्षक हैं, इसलिए अपनी मातृभूमि को बचाना हमारा कर्तव्य है।"

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New norm to accuse India of human rights violations at behest of international forces: NHRC Chairperson Arun Mishra

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