
ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कथित अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत देने के लिए उन पर लगाई गई शर्तों को संशोधित करने का आग्रह किया। इस मामले में वह आरोपी हैं।
मिशेल के वकील ने जमानत देने की शर्त पर विशेष आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी उनके लिए जमानत देने को तैयार नहीं होगा।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने मिशेल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दिए गए प्रतिद्वंद्वी दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश ने तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए मिशेल से भी बातचीत की और पुष्टि की कि उन्होंने जमानत संशोधन आवेदन दायर किया है।
क्रिश्चियन मिशेल पर हेलीकॉप्टर निर्माता अगस्ता वेस्टलैंड को वीवीआईपी परिवहन के लिए हेलीकॉप्टरों की बिक्री के लिए तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली भारतीय सरकार से अनुबंध हासिल करने में बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है।
मिशेल पर आरोप है कि उसने भारत सरकार द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद पर प्राप्त 42.27 मिलियन यूरो की अवैध कमीशन या रिश्वत को वैध बनाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड के साथ बारह अनुबंध किए हैं। सीबीआई के अनुसार, लगभग 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत यूके और यूएई में बैंक खातों के माध्यम से हस्तांतरित की गई थी।
मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत प्रत्यर्पित किया गया था और फिर ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह छह साल से बिना किसी सुनवाई के जेल में है। इस साल 4 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।
इससे पहले इसी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दी थी।
जमानत मिलने के बावजूद मिशेल जमानत की शर्तों का पालन न करने के कारण न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
गौरतलब है कि जमानत देते समय न्यायालय ने निर्देश दिया था कि जमानत की शर्त (i) 5,00,000 रुपये की राशि का व्यक्तिगत बांड और जमानत प्रस्तुत करना तथा (ii) निचली अदालत के समक्ष पासपोर्ट जमा करना है।
इस आवेदन में मिशेल ने जमानत की इन दो शर्तों में संशोधन की मांग की है। उसके वकील एडवोकेट अल्जो के जोसेफ ने न्यायालय को बताया कि ऐसी शर्तों का पालन करना उसके लिए कठिन है।
उन्होंने कहा, "भारतीय जमानतदार मिलना असंभव है। कोई भी उसके लिए जमानत नहीं देगा। यह शर्त वह पूरी नहीं कर सकता।"
जोसेफ ने कहा कि मिशेल का पासपोर्ट समाप्त हो चुका है तथा उसने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट नवीनीकरण की प्रक्रिया में आमतौर पर 8 से 12 सप्ताह का समय लगता है।
वकील ने कहा, "जमानत मिलने के बाद अगर वह शर्तों को पूरा नहीं कर पाता है, तो उसे अनिश्चित काल तक जेल में क्यों रहना चाहिए? इन दो शर्तों को संशोधित किया जा सकता है ताकि वह जमानत पर बाहर आ सके।"
ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि जमानत की शर्तें उचित और तर्कसंगत हैं।
मिशेल की ओर से अधिवक्ता श्रीराम परक्कट और एमएस विष्णु शंकर भी पेश हुए।
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