केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा: एक भी राज्य ने भुखमरी से होने वाली मौतों का डेटा उपलब्ध नहीं कराया

कोर्ट ने कहा, "हम भुखमरी या भूख से मर रहे लोगों पर नहीं हैं। हमारा ध्यान इस बात पर है कि लोग भूख से पीड़ित न हों।"
AG KK Venugopal

AG KK Venugopal

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार से कहा कि वह देश भर में भुखमरी से होने वाली मौतों, भूख और कुपोषण पर डेटा उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करे।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की एक बेंच ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को भूख और कुपोषण से निपटने के लिए सामुदायिक रसोई के लिए एक योजना तैयार करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उसी का आह्वान किया।

आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि केंद्र ने इसके लिए नीति बनाई है, जिसे हलफनामे पर रखा गया है।

केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ को सूचित किया कि किसी भी राज्य ने भुखमरी से होने वाली मौतों के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं।

CJI रमना ने तब कहा,

"तो क्या देश में भुखमरी से मौतें नहीं हो रही हैं?"

अदालत ने अंततः कहा कि वह आज कोई योजना नहीं बनाएगी, और यह कि वह केंद्र द्वारा भुखमरी से होने वाली मौतों पर कुछ डेटा प्रदान करने की प्रतीक्षा करेगी।

एजी वेणुगोपाल ने तब कहा,

"... हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी राज्य ने ऐसी मौतों की सूचना नहीं दी है, लेकिन आपको राज्यों का रुख भी देखना चाहिए।"

CJI रमना ने तब इस बात पर प्रकाश डाला कि ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य सामुदायिक रसोई चलाते हैं, लेकिन धन के लिए केंद्र पर निर्भर थे।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें


Not a single State has provided data on starvation deaths: Central government to Supreme Court

Related Stories

No stories found.
Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com