ब्रिटेन के संचार सेवा नियामक आफकॉम ने ब्रिटेन में रिपब्लिक भारत के संचालन के लाइसेंस का स्वामित्व रखने वाले वर्ल्डव्यू मीडिया नेटवर्क पर 20, 000 पाउन्ड का जुर्माना लगाया है।
यह जुर्माना ‘पूछता है भारत’ में 6 सितंबर, 2019 को प्रसारित एक कार्यक्रम के संबध में लगाया गया है जिसे पाकिस्तान और पाकिस्तानियों को निशाना बनाने के लिये ऑफकाम ब्राडकास्टिंग कोड का उल्लंघन करने वाला पाया गया।
‘पूछता है भारत’ की श्रृंखला के इस कार्यक्रम में भारत का चंद्रमा पर चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान भेजने के प्रयास से संबंधित था जिसमें अर्नब गोस्वामी की अपने मेहमानों के साथ परिचर्चा हुयी थी। इस परिचर्चा में तीन भारतीय और तीन पाकिस्तानी अतिथि थे।
ऑफकॉम ने 24 फरवरी, 2020 को यह पाया कि वर्ल्डव्यू ने संहिता का उल्लंघन किया है। उसने वर्ल्डव्यू को नोटिस देकर इन उल्लंघनों पर विचार करने और अपना मामला पेश करने का अवसर प्रदान किया था। वर्ल्डव्यू ने लिखित में अपना पक्ष रखा लेकिन सुनवाई के दौरान कोई मौखिक दलीलें पेश नहीं की थीं।
इस संबंध में मंगलवार को पारित आदेश में कहा गया कि उक्त कार्यक्रम में प्रस्तोता और उसके कुछ अतिथियों ने इस संदेश दिया कि सभी पाकिस्तानी आतंकी हैं: ‘‘ उनके वैज्ञानिक, चिकित्सक, उनके नेतागण, राजनीतिक व्यक्ति सभी आतंकी हैं। यहां तक कि उनके खेलों से जुड़े व्यक्ति भी’’: ‘‘वहां का एक एक बच्चा भी आतंकी है। प्रत्येक बच्चा आतंकी है। आप एक आतंकी सत्ता से बात कर रहे हैं।’’
ऑफकाम के आदेश में कहा गया है कि एक अतिथि ने भी पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को ‘चोर’ बताया जबकि दूसरे ने पाकिस्तान के लोगों को ‘भिखारी’ बताया। इन आलोचनाओं के संदर्भ में प्रस्तोता न पाकिसन और /या पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘हम वैज्ञानिक तैयार करते हैं, आप आतंकवादी तैयार करते हैं।’’
ऑफकाक ने अपनी व्यवस्था में कहा, ‘‘हम इन बयानों को पाकिस्तानी लोंगों की सिर्फ नागरिकता के आधार पर असहिष्णुता पर आधारित नफरत वाली अभिव्यक्ति मानते हैं और इस तरह के बयानों का प्रसारण अपने दर्शकों के बीच पाकिस्तानी लोगों के प्रति असहिष्णुता को भड़काता है, बढ़ावा देता है और इसे न्यायोचित ठहराता है।’’
ऑफकाम ने अपने निष्कर्ष में कहा कि इस कार्यक्रम से ब्राडकास्टिंग कोड के नियम 2.3 (आक्रामक और भेदभाव वाली भाषा), 3.2 (नफरत वाली बोली) और 3.3 (व्यक्तियों, धर्मो या समुदयों के प्रति अभद्रता और अपमानजनक भाषा) का उल्लंघन हुआ है।
यह फैसला रिपब्लिक भारत द्वारा अंग्रेजी और हिन्दी में कुल 280 बार क्षमा याचना प्रसारित किये जाने के बावजूद लिया गया है।
जुर्माना लगाने के साथ ही ऑफकाम ने आपरेटर को निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम का दुबारा प्रसारण नहीं किया जाये।
इसने कहा, ‘‘ इस तथ्य के मद्देनजर कि लाइसेंसी ने बहुत ही कम समय के अंदर कई बारउल्लंघनकिया है, ऑफकाम लाइसेंसी से अनुरोध करता है कि वह अनुपालन की व्यवस्था पर विचार के लिये बैठक में शामिल हो।’’
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