बंबई उच्च न्यायालय ने मानहानि के मामले में अभिनेत्री ऋचा चड्ढा से पायल घोष के बिना शर्त माफीनामे को आज स्वीकार कर लिया। मानहानि का यह वाद ऋचा चड्ढा ने पायल घोष, कमाल आर खान और एबीएन आंध्रज्योति के खिलाफ दायर किया था।
ऋचा चड्ढा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डा वीरेन्द्र तुलजापुरकर और लॉहाइव एसोसिएट्स की अधिवक्ता सवीना बेदी साचा ने न्यायालय को सूचित किया कि शर्तो पर सहमति हो गयी है और दोनो पक्षों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। इन शर्तो के आलोक में अब पायल घोष के खिलाफ यह वाद नहीं बचता है।
डा तुलजापुरकर ने न्यायालय से अनुरोध किया कि कमाल आर खां और एबीएन आंघ्रज्योति को भी अपने मौजूदा विवादित सामग्री वापस लेने का निर्देश दिया जाये।
न्यायालय ने एबीएन के लिये पेश हुये अधिवक्ता निखिल मिश्रा से जानना चाहा कि क्या उन्हें अपने चैनल की ओर से कोई निर्देश मिले हैं। मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि चैनल निषेध आदेश का पालन करने के लिये तैयार है।
कमाल आर खां की ओर से पेश अधिवक्ता मनोज गडकरी से न्यायालय ने पूछा कि क्या वह यह सामग्री वापस लेंगे या नहीं। गडकरी ने न्यायालय को सूचित किया कि उनका मुवक्किल एक वक्तव्य देना चाहता है कि वह विवादित सामग्री हटा लेगा।
न्यायालय ने जब उनसे कहा कि इस बारे में हलफनामा दाखिल करें तो गडकरी ने कहा कि उन्हें थोडा़ समय चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खां इस वाद में ऋचा द्वारा आपत्ति की गयी किसी भी वक्तव्य को अपलोड या किसी सामग्री को सामग्री साझा नहीं करेंगे।
न्यायालय ने गडकरी का वक्तव्य रिकार्ड करके उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिये चार सप्ताह का वक्त दिया। न्यायालय ने एबीएन आंध्रज्योति और एक अन्य अज्ञात पक्षकार के प्रति अंतरिम रोक का आदेश पारित किया था।
ऋचा चड्ढा ने एबीएन को पायल घोष के एक इंटरव्यू के बाद मानहानि का यह वाद दायर किया था। इस इंटरव्यू को कमाल आर खां ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रकाशित और साझा किया था। इस इंटरव्यू में घोष ने बालीवुड के फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर यौन हिंसा के आरोप लगाते हुये चड्ढा का नाम भी लिया था।
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