दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में उनके खिलाफ दर्ज एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को खारिज करते हुए लोगों के एक समूह को दस पेड़ लगाने और एक दशक तक उनकी देखभाल करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि संबंधित जांच अधिकारी के परामर्श से उनके आवास के पास पेड़ लगाए जाएंगे।
अधिकारी दिल्ली नगर निगम (MCD) के बागवानी विभाग के परामर्श से याचिकाकर्ताओं को पेड़ लगाने के स्थान के बारे में सूचित करेगा।
अदालत ने आदेश दिया, "याचिकाकर्ताओं द्वारा वृक्षारोपण की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट तस्वीरों के साथ दायर की जाएगी। पहली स्थिति रिपोर्ट संबंधित आईओ द्वारा आज से 6 सप्ताह के भीतर दायर की जाएगी।"
वर्ष 2017 में सुअर पालने को लेकर हुए झगड़े के बाद कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
दिल्ली पुलिस ने अभियुक्तों (याचिकाकर्ताओं) के खिलाफ कई अपराध दर्ज किए, जिनमें एक महिला की लज्जा भंग करना, महिला को निर्वस्त्र करने या उसे नग्न होने के लिए मजबूर करने के इरादे से आपराधिक बल का उपयोग करना और आपराधिक धमकी देना शामिल है।
न्यायमूर्ति सिंह को 21 फरवरी, 2023 को सूचित किया गया कि पक्ष एक समझौते पर पहुंच गए हैं और वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
तथ्यों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में पुलिस ने न केवल मामले की जांच की है बल्कि चार्जशीट भी दायर की है और न्यायिक समय बर्बाद किया गया है।
इसमें कहा गया है कि चूंकि याचिकाकर्ता एक विनम्र पृष्ठभूमि के हैं, इसलिए उन पर वित्तीय लागत नहीं लगाई जाएगी, लेकिन उन्हें चार सप्ताह के भीतर पेड़ लगाने होंगे।
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Plant ten trees, take care of them for a decade: Delhi High Court while quashing FIR