केंद्र सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि समलेंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र ने अपना जवाब तैयार कर लिया है।
पिछली सुनवाई में, न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को आज के लिए स्थगित करने से पहले केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया था।
आज सुबह केंद्र सरकार के लिए अपील करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जवाब तैयार कर लिया गया है और इसकी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिन के दौरान जवाब दाखिल किया जाएगा। हाईकोर्ट ने इस तथ्य को रिकॉर्ड पर ले लिया है।
न्यायालय ने आज यह भी उल्लेख किया कि इस मामले में एक अन्य संबंधित याचिका को प्रस्तुत कर दिया गया है। उसी के मद्देनजर कोर्ट ने मेहता से पूछा कि क्या मामले में सभी याचिकाओं के लिए केंद्र का जवाब सामान्य होगा।
मेहता ने जवाब दिया कि चूंकि यह मुद्दा समान है, इसलिए यह सभी के लिए सामान्य हो सकता है। हालांकि, उन्होंने अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का अनुरोध किया न्यायालय ने अनुरोध पर अनुमति दी।
काउंटर-शपथ पत्र और रिजोइडर दाखिल करने के लिए कोर्ट द्वारा तारीखें दिए जाने के बाद, इस मामले को अप्रैल में आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।
विशेष विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह अधिनियम के संबंध में याचिकाओं में, वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने अदालत से मामले को पहले की सुनवाई के लिए रखने का आग्रह किया और कहा यदि आवश्यक हो तो वह आज भी बहस कर सकती है।
आज की तारीख के लिए अनुरोध ने एसजी मेहता को यह बताने के लिए प्रेरित किया कि क्या इसमें कोई तात्कालिकता है।
न्यायालय ने अंततः मामले को 20 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
अधिवक्ता सौरभ कृपाल, अरुंधति काटजू, मुकेश शर्मा और राघव अवस्थी के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी उन वकीलों में शामिल थे जो विभिन्न याचिकाकर्ताओं के लिए आज पेश हुए।
हिंदू विवाह अधिनियम के संबंध में याचिका अभिजीत अय्यर मित्रा, गोपी शंकर एम, गीति थडानी और जी ओरवसी द्वारा प्रस्तुत की गई।
विशेष विवाह अधिनियम के संबंध में याचिका डॉ॰ कविता अरोड़ा और उनके साथी, अंकिता खन्ना द्वारा प्रस्तुत की गई है, जबकि विदेशी विवाह अधिनियम मामले में याचिकाकर्ता वैभव जैन और उनके साथी, पराग विजय मेहता हैं।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें