केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) के 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
सोमवार को सीबीएसई मूल्यांकन नीति से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने याचिका का उल्लेख किया।
सिंह ने कहा कि याचिका दायर होने के बाद भी इसे सूचीबद्ध किया जाना बाकी है।
इसलिए, अदालत ने सुनवाई मंगलवार दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दी, जब वह परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका सहित सभी मामलों की सुनवाई करेगा।
अंशुल गुप्ता द्वारा दायर याचिका में कोर्ट से सीबीएसई और आईसीएसई को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे कक्षा 12 की परीक्षाएं रद्द करने के बजाय आयोजित करने की संभावना तलाशें।
याचिका में सुझाव दिया गया है कि स्थिति में सुधार होने पर अन्य परीक्षाओं के साथ-साथ 28 महत्वपूर्ण विषयों की भी परीक्षा ली जा सकती है।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि कक्षा 12 की परीक्षाएं छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और आईआईटी, एनडीए, एमबीबीएस, क्लैट आदि जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश को प्रभावित करेंगी।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि भले ही कक्षा 12 के लिए शारीरिक परीक्षा रद्द कर दी जाती है, वही छात्रों को IIT-JEE, CLAT, NDA आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा।
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