पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को चंडीगढ़ के अधिकारियों को उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की सुरक्षा बढ़ाने को कहा, जिनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) का हथियार हाल ही में एक व्यक्ति ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में खुद को गोली मारने के लिए छीन लिया था।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने पंजाब पुलिस को घटना के बाद की गई जांच पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
न्यायमूर्ति नागू ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा, "कृपया संबंधित न्यायाधीश की सुरक्षा बढ़ा दी जाए।"
न्यायालय ने यह भी सुझाव दिया कि न्यायाधीश की सुरक्षा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों को लगाया जा सकता है।
अगली तारीख को इस संबंध में रिपोर्ट भी दाखिल की जाए," न्यायालय ने आदेश दिया।
इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिस बंदूक से अज्ञात व्यक्ति ने खुद को गोली मारी, वह एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) की थी, जो स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने आए न्यायाधीश के साथ था।
एक पुलिस अधिकारी ने दैनिक को बताया, "गोली उसके सिर में जा लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस शव को अस्पताल ले गई।"
न्यायालय ने मंगलवार को घटना का स्वत: संज्ञान लिया था और एक जनहित याचिका शुरू की थी।
इसे सुरक्षा चूक बताते हुए न्यायालय ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।
आदेश के अनुपालन में डीजीपी वर्चुअली उपस्थित हुए।
न्यायालय को बताया गया कि गुरुवार को सुरक्षा समीक्षा बैठक निर्धारित है। यह भी कहा गया कि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की पहचान अभी भी सुनिश्चित की जा रही है।
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Punjab and Haryana High Court seeks enhanced security for judge after Golden Temple shooting