हरियाणा की एक अदालत ने 19 वर्षीय राम भगत गोपाल को जमानत दे दी है, जिन पर राज्य में एक महापंचायत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक भाषण देने का आरोप था।
जमानत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दी।
गोपाल को इस कार्यक्रम में भाग लेने और कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने, लोगों को मुस्लिम लड़कियों का अपहरण करने और उस समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद सगीर ने पहले जमानत के लिए उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जो लोग इस तरह के सांप्रदायिक रूप से आरोपित भाषण देते हैं और असामंजस्य पैदा करते हैं, वे देश के लिए COVID-19 महामारी की तुलना में अधिक हानिकारक हैं।
मजिस्ट्रेट ने कहा, "धर्म या जाति के आधार पर अभद्र भाषा देना आजकल फैशन बन गया है और पुलिस भी ऐसी घटनाओं से निपटने में बेबस नजर आती है। इस तरह के लोग जो आम लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करने और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे वास्तव में इस देश को महामारी से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं।"
इसके बाद गोपाल ने उस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायाधीश का दरवाजा खटखटाया।
वह पिछले साल गलत कारणों से सुर्खियों में आया था, जब सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर उसकी फायरिंग की एक तस्वीर वायरल हुई थी।
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[BREAKING] Accused of hate speech against Muslims, Ram Bhagat Gopal granted bail