केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि उसे सैंडलवुड ड्रग स्कैंडल मामले के सिलसिले में आदित्य अल्वा के आवास से आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं।
इस मामले में कॉटनपेट थाने में आदित्य अल्वा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूरज गोविन्दराज की पीठ को सीबीआई ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी।
पुलिस ने एनडीपीएस कानून, 1985 की विभिन्न धाराओं के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत अल्वा और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अल्वा की याचिका के जवाब में सीसीबी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सितंबर में उनके आवास की तलाशी के दौरान उसे एमडीएमए की गोलियां, मारिजुआना और दूसरी सामग्री मिली थीं।
अल्वा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शिकायत में अनर्गल आरोप लगाये गये हैं जिनमें संज्ञेय अपराध होने का कोई जिक्र नहीं है।
याचिका में यह दलील भी दी गयी है कि अल्वा के खिलाफ जो अपराध दर्ज किया गया है उसके लिये जरूरी तत्वों को यह शिकायत दूर दूर तक पूरा नहीं करती है। याचिका के अनुसार
‘‘याचिकाकर्ता के खिलाफ इस कानून के तहत लगाये गये प्रावधानों और शिकायतकर्ता की शिकायत के कथन को फौरी तौर पर एकसाथ पढ़ने से पता साफ होता है कि शिकायतकर्ता द्वारा दी गयी सूचना का उस अपराध से कोई लेना देना नही है जिसके आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। वास्तविकता तो यह है कि याचिकाकर्ता का नाम पूरी शिकायत मे सिर्फ दो बार आया है और वह भी ऐसे निराधार आरोप के लिये जो अपराध दर्ज करने और उसके खिलाफ जांच करने का एकमात्र आधार है।’’
याचिका में यह भी कहा गया है कि अल्वा और उनके परिवार के सदस्यों की समाज में गहरी पैठ है और उनकी काफी प्रतिष्ठा और सम्मान है। पुलिस की कार्रवाई ने याचिकाकर्ता और उसके परिवार को अपूर्णीय नुकसान पहुंचाया है और इस तरह से उसने संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त गरिमा के साथ जीने के उसके अधिकार का हनन किया है।
इन्हीं दलीलों के आधार पर याचिका में इस मामले में अल्वा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सीवी नागेश अधिवक्ता अजय कडकोल के साथ इस मामले में अल्वा की ओर से पेश होंगे।
इस मामले की सुनवाई 13 नवंबर के लिये स्थगित हो गयी है।
इस बीच, कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी ने सैंडलवुड ड्रग स्कैंडल मामले में जमानत याचिका दायर की है।
इस याचिका में कहा गया है कि ये ड्रग् स्पष्ट रूप से रागिनी के कब्जे से बरामद नही हुयी है, इसलिए इसे उसके पास से मिली नहीं कहा जा सकता है।
रागिनी द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता कल्याण कृष्ण पेश होंगे। न्यायमूर्ति बीए पाटिल 23 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेंगे।
उच्च न्यायालय ने हाल ही में अभिनेत्री संजना गलरानी की ओर से दायर जमानत अर्जी पर नोटिस जारी किया था। संजना को भी इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
हाल ही में विशेष एनडपीएस अदालत ने कन्नड अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी और संजना गलरानी को जमानत देने से इंकार कर दिया था।
दोनों अभिनेत्रियों को कथित रूप से प्रतिबंधित मादक पदार्थो का सेवन करने और पार्टियों और उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में इसकी आपूर्ति करने के आरोप में कॉटनपेट पुलिस थाने में स्वत: ही दर्ज मामले के आधार पर हिरासत में लिया गया था।
इनके खिलाफ एनडीपीएस कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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