उच्चतम न्यायालय ने वकील के स्पष्टीकरण के बाद वर्चुअल सुनवाई के दौरान ‘मुंह नहीं खोलने’ संबंधी टिप्पणी रिकार्ड से निकाली

शीर्ष अदालत ने इससे पहले इस वकील को नही बोलने के लिये उस समय आड़े हाथ लिया जब उसका मामला सुनवाई के लिये आया। न्यायालय को लगा कि अपने वह वरिष्ठ अधिवक्ता के आने तक वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई रोक रहा था
Rohinton Nariman, Navin Sinha
Rohinton Nariman, Navin Sinha

न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई के दौरान एक वकील द्वारा नहीं बोलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। इस वकील ने शपथ लेकर जब यह कहा कि उस दिन उसने किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवायें नहीं ली थीं तो शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपनी इन आलोचनात्मक टिप्पणियों को रिकार्ड से निकाल दिया।

न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरिमन और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने 25 अगस्त को इस वकील को उस समय फटकार लगायी थी जब उसका मामला सुनवाई के लिये आया। पीठ ने टिप्पणी की कि अधिवक्ता को साफ बताना चाहिए था कि वह पेश होने के लिये वरिष्ठ अधिवक्ता का इंतजार कर रहा है।

जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और नवीन सिन्हा की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि,

‘‘माइक चालू रहने के बावजूद और न्यायालय द्वारा कम से कम तीन बार उससे यह कहने पर कि उसे अपना मुंह खोलना चाहिए, उसने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया क्योंकि वह एक वरिष्ठ अधिवक्ता का इंतजार कर रहा था। उसे इस तरह का हथकंडा अपनाने की बजाये न्यायालय को बताना चाहिए था कि वह वरिष्ठ अधिवक्ता का इंतजार कर रहा है।’’

हालांकि, इस अधिवक्ता ने शपथ लेकर न्यायालय को सूचित किया है कि उसने किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवा नहीं ली थी। इस कथन के मद्देनजर पीठ ने पिछले आदेश में इस वकील के बारे में की गयी उपरोक्त टिप्पणी रिकार्ड से निकालने का आदेश दिया।

‘‘विद्वान अधिवक्ता अनुकूल राज ने शपथ लेकर कहा है कि उस दिन उन्होंने अपनी एसएलपी पर बहस के लिये किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवायें नहीं लीं थीं। चूंकि यह मामला है, हम अपने 25 अगस्त , 2020 के आदेश में सुधार करते हैं।’’
कोर्ट ने कहा

न्यायालय ने 25 अगस्त को वर्चुअल न्यायालय का अनावश्यक लाभ उठाने के प्रति एक सचेत करने वाला नोट भी जारी किया था। इसमें कहा गया था,

‘‘हम इस तरह के आचरण की कड़े शब्दों में निन्दा करते है। हम नहीं चाहते कि वकील वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था का लाभ उठायें जबकि यह दोनों छोर पर काम कर रहा है।’’

हालांकि, न्यायालय ने कल पारित आदेश के साथ ही ये टिप्पणियां भी रिकार्ड से निकल गयीं।

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Supreme Court expunges remarks against Advocate for not "opening his mouth" during virtual hearing after clarification

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