गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में पुलिस सुरक्षा की मांग वाली अपनी याचिका वापस ले ली।
पिछले हफ्ते गायक और रैपर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जान को खतरा होने की आशंका को लेकर गैंगस्टर ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
जब मामला एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के सामने आया, तो बिश्नोई ने यह कहते हुए याचिका वापस लेने का फैसला किया कि वह इसके बजाय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद बिश्नोई ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि पंजाब पुलिस उसकी हिरासत की मांग कर सकती है और फिर उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है।
उनकी याचिका मे कहा गया कि "याचिकाकर्ता कथित आरोपी होने के नाते निष्पक्ष और सच्ची जांच और निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं और अभियोजन से अपराध की सुनवाई में संतुलित भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है। जांच विवेकपूर्ण, निष्पक्ष, पारदर्शी और त्वरित होनी चाहिए और जांच अधिकारी किसी भी आरोपी व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।"
मूसेवाला (28) की पिछले सप्ताह हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) में यात्रा कर रहा था। पंजाब पुलिस ने कहा है कि बिश्नोई गिरोह हत्या में शामिल था और कनाडा के एक गैंगस्टर गोल्डी बरार ने इसका श्रेय लिया था। बराड़ को बिश्नोई का करीबी बताया जाता है।
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[Sidhu Moosewala murder] Lawrence Bishnoi withdraws plea from Delhi High Court