
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ बुधवार को चार अहम मामलों उद्धव ठाकरे और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुटों के बीच विवाद, 1955 के नागरिकता अधिनियम पर मामला, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद जिस पर दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण है और एंग्लो-इंडियन के लिए आरक्षण की वैधता, संसद और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मामलों की सुनवाई करेगी
जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा, बेंच के जज जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा हैं।
मामलों को आज सुबह 10.30 बजे लिया जाएगा और दस्तावेजों, संकलन आदि को दाखिल करने और सुनवाई की तारीख को अंतिम रूप देने के लिए सुनवाई कम होने की संभावना है।
नागरिकता अधिनियम/एनआरसी
इस मामले में 1955 के नागरिकता अधिनियम की धारा 3(1)(ए) के दायरे से संबंधित प्रश्न शामिल हैं।
महाराष्ट्र राजनीति
पीठ शिवसेना, एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के दो युद्धरत गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं के एक बैच से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
दिल्ली सरकार बनाम एल जी
पांच-न्यायाधीशों की पीठ केंद्र और दिल्ली सरकारों के बीच विवाद पर फैसला करेगी, जिसके संबंध में दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण है
विधान सभा आरक्षण को 10 वर्ष से आगे बढ़ाने की वैधता
संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध चौथा मामला संविधान (79वां संशोधन) अधिनियम, 1999 की वैधता पर है जिसने एंग्लो इंडियन, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को बढ़ा दिया है।
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