सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में एम करुणानिधि की याद में 134 फीट ऊंची 'पेन' प्रतिमा के निर्माण की चुनौती खारिज की

याचिकाकर्ता ने पर्यावरण चिंताओ, मछुआरो की आजीविका का हवाला देते हुए मेमोरियल के निर्माण का विरोध किया।हालाँकि द्रमुक के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रतिवाद किया यह अन्नाद्रमुक द्वारा भड़काई गई एक लड़ाई थी
M Karunanidhi, Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता एम करुणानिधि की याद में चेन्नई के मरीना बीच पर 134 फीट ऊंची 'पेन' प्रतिमा बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।

जस्टिस एसके कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिका खारिज कर दी।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता, नल्लथामी और पूर्व मत्स्य पालन मंत्री (एआईएडीएमके) जयकुमार, जिन्हें मामले में पक्षकार बनाया गया था, को अपनी शिकायत के साथ संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी।

याचिकाकर्ता ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं और मछुआरों की आजीविका का हवाला देते हुए पेन मेमोरियल के निर्माण को रोकने की मांग की थी।

तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसमें योग्यता नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्मारक के लिए तटीय विनियमन मंजूरी पहले ही प्राप्त कर ली गई थी, और मछुआरों या जैतून कछुओं को कोई नुकसान नहीं होगा।

उन्होंने दलील दी कि याचिका एआईएडीएमके के इशारे पर भड़काई गई महज एक छाया लड़ाई थी। उन्होंने कहा, अन्नाद्रमुक ने 2018 में अपने कार्यकाल के दौरान कलैग्नार (करुणानिधि) को 6 फीट कब्रिस्तान आवंटित करने से भी इनकार कर दिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने आगे तर्क दिया कि रिट याचिका राजनीति से प्रेरित लगती है, इसके पीछे कोई वास्तविक सार्वजनिक हित नहीं है।

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Supreme Court dismisses challenge to construction of 134 feet 'Pen' statue in memory of M Karunanidhi in Tamil Nadu

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