सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज की

कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम ने गौरी के खिलाफ सभी सामग्रियों पर विचार किया होगा और शीर्ष अदालत देर से ही सही, कॉलेजियम के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
Supreme Court, Victoria Gowri
Supreme Court, Victoria Gowri

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ता एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।

जस्टिस संजीव खन्ना और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा गौरी की योग्यता से संबंधित नहीं है, बल्कि उसकी उपयुक्तता से संबंधित है, जो एक व्यक्तिपरक आकलन है और इसलिए, न्यायालय उसकी जांच नहीं कर पाएगा।

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, "पात्रता और उपयुक्तता के बीच अंतर है। उपयुक्तता के संबंध में अदालत इसमें नहीं जा सकती क्योंकि प्रक्रिया असाध्य हो जाएगी। हम केवल पात्रता के आसपास ही काम कर सकते हैं।"

कोर्ट ने आगे कहा कि कॉलेजियम ने गौरी के खिलाफ सभी सामग्री पर विचार किया होगा और शीर्ष अदालत देर से ही सही, कॉलेजियम के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

कोर्ट ने आदेश दिया, "हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। कारण बाद में पता चलेंगे।"

शीर्ष अदालत गौरी की नियुक्ति के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय के वकीलों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि अधिवक्ता गौरी ने कथित तौर पर नागरिकों के खिलाफ उनकी धार्मिक संबद्धता के आधार पर "मजबूत पूर्वाग्रह" प्रदर्शित किया था।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत उच्च संवैधानिक कार्यालय की प्रकृति द्वारा निर्धारित उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए पात्रता की शर्तों में पात्रता की कुछ निहित शर्तें हैं।

रामचंद्रन ने कहा, "संविधान में हर शब्द का अक्षर और भाव है। उन्होंने अपने शब्दों के कारण खुद को शपथ लेने में असमर्थ बना दिया था।"

अदालत ने, हालांकि, कहा कि कॉलेजियम ने सामग्री का विश्लेषण किया होगा।

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Supreme Court dismisses plea against appointment of Victoria Gowri as Madras High Court judge

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