उच्चतम न्यायालय ने वेदांता स्टर्लाइट के थूथुकुडी स्थिति कॉपर संयत्र को तत्काल पुन: शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध ठुकराते हुये उसे इस संबंध में अंतरिम राहत देने से बुधवार को इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति रोहिन्टन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले को विस्तार से सुनवाई के लिये जनवरी, 2021 में सूचीबद्ध कर दिया है।
वेंदांता ने मद्रास उच्च न्यायालय के अगस्त 2020 के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने तांबा गलाने वाला संयंत्र पुन: चालू करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
वेदांता का थूथुकोडी स्थित स्टर्लाइट कॉपर संयंत्र पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के आधार पर 2018 में तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंद कर दिया था। इस संयंत्र के विस्तार का स्थानीय लोगों द्वारा किये जा रहे विरोध के बाद संयंत्र ही विरोध स्थल बन जाने के तत्काल बाद इसे बंद करने का आदेश दिया गया था। राज्य सरकार ने इस आदेश का समर्थन किया था और उसने एक सप्ताह के भीतर ही इसकी पुष्टि कर दी थी।
विरोध प्रदर्शन के 100वें दिन यह उस समय हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई जिसमे अनेक लोग हताहत हो गये थे।
वेदांता ने संयंत्र बंद करने के आदेश को राष्ट्रीय हरित अधिकरण में चुनौती दी जिसने कंपनी के पक्ष में आदेश दिया। तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनवरी, 2019 में इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। न्यायालय ने उस समय यह कहा कि यह अपील लंबित रहने के दौरान संयंत्र फिर से खोलने संबंधी हरित अधिकरण का आदेश प्रभावी रहेगा।
उच्चतम न्यायालय ने फरवरी, 2019 में यह संयंत्र पुन: चालू करने की अनुमति देने संबंधी राष्ट्रीय हरित अधिकरण का आदेश निरस्त कर दिया। न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर विचार करने का हरित अधिकरण को अधिकार नहीं था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उसके खिलाफ पारित आदेशों को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की वेदांता को अनुमति दे दी थी।
उच्च न्यायालय नेवेदांता की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद वेदोंता ने फिर उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की।
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