CJI: मामलो को ई-मेल के माध्यम से शीघ्र सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया जारी,इसकी मांग ज्यादा लेकिन पर्याप्त वीडियो लिंक उपलब्ध नही

सीजेआई ने वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह के अनुरोध पर यह जवाब दिया। विकास सिंह का कहना था कि ई मेल की व्यवस्था प्रभावी नहीं है, शीघ्र सुनवाई के लिये मामलों का उल्लेख करने के लिये कुछ समय आबंटित किया जाये
CJI SA Bobde
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मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सोमवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय मामलों को शीघ्र सूचीबद्ध कराने के लिये उनका उल्लेख हेतु वीडियो लिंग की मांग पूरी नहीं कर सकता और फिलहाल इसके लिये ईमेल के माध्यम से ही अनुरोध करना होगा।

मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा इस संबंध में अनुरोध किये जाने पर यह जवाब दिया। सिंह ने प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों को शीघ्र सूचीबद्ध करने हेतु उल्लेख करने के लिये कुछ समय आबंटित किया जाये क्योंकि ईमेल के माध्यम से व्यवस्था प्रभावी नहीं है

सीजेआई ने कहा, ‘‘ आपको लिंक के लिये मांग की जानकारी नहीं है। यह फिलहाल ई-मेल के माध्यम से ही करना होगा।’’

सिंह ने जोर देकर कहा कि ई मेल के माध्यम से अनुरोध के बावजूद अत्यावश्यक मामले सूचीबद्ध नहीं हो रहे हैं।

इस पर सीजेआई ने कहा, ‘‘हमारे पास इसके लिये पर्याप्त लिंक नहीं है। यह व्यवस्था (ईमेल के माध्यम) फिलहाल जारी रखनी होगी।’’

उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी फैलने के बाद 23 मार्च से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है।

शुरू में न्यायालय बहुत ही सीमित संख्या में सिर्फ उन मामलों की सुनवाई कर रहा था जो उसे बहुत जरूरी लगते थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई की क्षमता बढ़ने के साथ ही न्यायालय ने पिछले कुछ महीने में सुनवाई के लिये मुकदमों की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ा दी।

हालांकि, मामलों के सूचीबद्ध होने में विलंब तथा रजिस्ट्री के कथित दुराग्रहपूर्ण व्यवहार की शिकायतें लगातार मिलती रहीं।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने आज महाराष्ट्र के एक न्यायाधीश की वह याचिका खारिज कर दी जिसमे रजिस्ट्री पर उनका मामला सूचीबद्ध नहीं करने का आरोप लगाते हुये संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया था।

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Demand high, not enough video links to spare; Mentioning for urgent listing will continue through email: CJI SA Bobde

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