उच्चतम न्यायालय तीन विवादास्पद कृषि कानूनों जिसके खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह में कल अपना अंतरिम आदेश सुनाएगा।
यह आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की तीन-न्यायाधीश पीठ द्वारा सुनाया जाएगा।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान आज विवादास्पद कानूनों पर रोक लगाने के लिए अपना झुकाव व्यक्त किया, जबकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सरकार और किसानों के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए उठाए गए कदम अप्रभावी साबित हुए हैं।
यहाँ तीन कानूनो, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 के किसानों (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता, किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम और उत्पादन आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को उच्चतम न्यायालय मे चुनौती दी गयी जो कि अवैध, मनमाना और असंवैधानिक हैं।
इसने यह भी तर्क दिया है कि पारित कानून असंवैधानिक और किसान विरोधी हैं क्योंकि यह कृषि उत्पाद बाजार समिति प्रणाली को नष्ट कर देगा, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादों के उचित मूल्य सुनिश्चित करना है।
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