"कानून का घोर दुरुपयोग:" पत्नी की हत्या के आरोपी पुलिस कांस्टेबल की जमानत याचिका SC ने ₹1 लाख जुर्माने के साथ खारिज की

कोर्ट ने पाया कि मामला नृशंस था और याचिकाकर्ता की ओर से कानून का घोर दुरुपयोग किया गया था।
Vineet Saran, Ramana, Surya Kant
Vineet Saran, Ramana, Surya Kant
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दहेज के लिए पत्नी की हत्या के आरोपी पुलिस कांस्टेबल की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना और जस्टिस सूर्य कांत और विनीत सरन की बेंच ने मामले में देरी के लिए कानून का दुरुपयोग करने के लिए उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

14 साल हो गए हैं और आप जमानत पर हैं। आप पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है और आप सुप्रीम कोर्ट आते हैं। यह कानून का घोर दुरुपयोग है, नृशंस है।

अदालत एक पुलिस कांस्टेबल के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसने 2007 में उसके खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की थी। यह आरोप लगाया गया था कि दहेज की मांग पूरी नहीं होने के बाद पुलिस कांस्टेबल ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी।

जब सुनवाई शुरू हुई, तो CJI ने जानना चाहा कि क्या वह व्यक्ति अभी भी पुलिस सेवा में था।

वकील ने अदालत को सूचित किया कि उस व्यक्ति को निलंबित कर दिया गया है।

इस पर CJI ने कहा, "आपको तुरंत हटाया जाना चाहिए और सीधे जेल में डाल दिया जाना चाहिए। यह कानून का घोर दुरुपयोग है।"

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"Gross misuse of law:"Supreme Court rejects bail plea of Police constable accused of killing wife; imposes ₹ 1 lakh costs

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