सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषी सज्जन कुमार द्वारा चिकित्सा आधार पर जमानत मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया। (सज्जन कुमार बनाम राज्य)।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने कुमार की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खर्च पर बेहतर इलाज के लिए उन्हें मेदांता अस्पताल में ट्रांसफर कराने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति कौल ने कुमार के वकील रंजीत कुमार से पूछा, "उन पर जघन्य अपराधों का आरोप है। आप चाहते हैं कि उनके साथ किसी सुपर वीआईपी मरीज की तरह व्यवहार किया जाए।"
रंजीत कुमार ने प्रस्तुत किया कि सज्जन कुमार का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनका बहुत वजन कम हो गया है।
उन्होंने एक डॉक्टर की रिपोर्ट पर भी भरोसा किया।
कुमार ने कहा, "उन्हे पेट की जटिलताएं हैं। उनका बहुत वजन कम हुआ है। कृपया उन्हे अपने खर्च पर मेदांता में स्थानांतरित करें"।
हालांकि, कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर भरोसा करना पसंद किया और कहा कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
इसलिए, कोर्ट ने राहत देने वाला कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया, "हम कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। अगर चिकित्सा अधिकारी मेदांता में आगे के इलाज या जांच के लिए इसे आवश्यक समझते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।"
गुण-दोष के आधार पर कुमार की जमानत याचिका पर बाद में सुनवाई होगी।
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