![[ब्रेकिंग] POCSO के तहत यौन उत्पीड़न के अपराध मे शारीरिक संपर्क आवश्यक वाले बॉम्बे HC के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी](https://gumlet.assettype.com/barandbench-hindi%2F2021-01%2Fcb230128-54bb-43a3-b1f1-ac6ad81cfd7e%2Fbarandbench_2020_05_177f3132_c4a1_4ee5_9b8c_84ba82f05cba_Supreme_Court__Bombay_HC.jpg?auto=format%2Ccompress&fit=max)
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के विवादास्पद फैसले पर रोक लगा दी जिसमें 12 साल के बच्ची के बिना उसके टॉप को हटाये स्तन को दबाना धारा 7 के तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) से यौन शोषण की परिभाषा में नहीं आएगा।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उक्त मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक बहुत परेशान करने वाला निष्कर्ष है (बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा), सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी
शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि बॉम्बे HC ने फैसला दिया कि मामले में शारीरिक संपर्क नहीं था। एजी ने कहा कि आदेश अभूतपूर्व है और एक खतरनाक मिसाल पेश करने की संभावना है। हम एजी वेणुगोपाल को आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं। इस बीच हम POCSO एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध के मामले में अब तक के आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाते हैं। आरोपी को नोटिस जारी करें।
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