राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी से महिलाओं के बहिष्कार को चुनौती देने वाली याचिका में SC ने केंद्र से मांगा जवाब

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय सेना के शॉर्ट सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को स्थायी आयोग के विस्तार के संबंध में जारी निर्देशों के मद्देनजर दायर की गई थी।
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योग्य महिला अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय नौसेना अकादमी (INA) में शामिल होने की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश की मांग वाली याचिका मे सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने नोटिस जारी किए।

अदालत ने एक महिला उम्मीदवार अनीता द्वारा एक प्रत्यर्पण आवेदन में भी नोटिस जारी किया, जिसे एनडीए में नामांकन करने के अवसर से वंचित किया गया था और सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए अपनी आकांक्षाओं को छोड़ना पड़ा था।

कुश कालरा द्वारा वकील-ऑन-रिकॉर्ड मोहित पॉल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि महिला उम्मीदवारों को एनडीए में दाखिला लेने के अवसर से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 का उल्लंघन है।

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय सेना के शॉर्ट सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को स्थायी आयोग के विस्तार के संबंध में जारी निर्देशों के मद्देनजर दायर की गई थी।

इस माननीय न्यायालय द्वारा सचिव, रक्षा मंत्रालय बनाम बबीता पुनिया और अन्य के मामले में निर्णय पारित होने के बाद, स्थायी आयोग को सेना के महिला अधिकारियों के लिए विस्तारित किया गया है। हालांकि, सशस्त्र बलों में स्थायी आयोग के अधिकारियों के रूप में शामिल होने के लिए महिला उम्मीदवारों के लिए अभी भी प्रवेश की कोई विधि उपलब्ध नहीं है।वर्तमान स्थिति में, महिला उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में प्रवेश के उपयुक्त मोड के माध्यम से आवेदन करना होता है और एक निश्चित अवधि के लिए सेवा करने के बाद स्थायी आयोग का विकल्प चुनने का विकल्प होता है।

महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित करने और स्थायी सशस्त्र बलों के रूप में देश के सशस्त्र बलों में कमीशन प्राप्त करने का स्पष्ट बहिष्कार पूरी तरह से उनके लिंग के आधार पर किसी भी पेशे के अभ्यास के मौलिक अधिकार का खंडन है और यह भारतीय संविधान के संदर्भ में उचित नहीं है।

इस प्रणाली के परिणामस्वरूप, पात्र और इच्छुक महिला उम्मीदवारों को 10 + 2 स्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद सशस्त्र बलों को पेशे के रूप में चुनने की अनुमति नहीं है।

याचिका की पैरवी अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा ने की।

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Supreme Court seeks response from Central government in plea challenging exclusion of women from National Defence Academy, Indian Naval Academy

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