हिंदू विरोधी भड़काऊ भाषणो के लिए मुस्लिम नेताओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दो हिंदू समूहो ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

याचिका हरिद्वार धर्म संसद में नफरत भरे भाषणों की जांच की मांग करने वाली शीर्ष अदालत के समक्ष पहले से लंबित एक याचिका में हस्तक्षेप आवेदन के रूप में दायर की गई थी।
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हिंदुओं और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की जांच के लिए दो हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। [कुर्बान अली और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य]।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस और हिंदू सेना द्वारा दायर याचिका में हस्तक्षेप आवेदन के रूप में शीर्ष अदालत के समक्ष पहले से ही लंबित एक याचिका में हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय को लक्षित करने वाले नफरत भरे भाषणों की जांच की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित याचिका पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली द्वारा दायर की गई थी, जिसमें एक एसआईटी द्वारा मुस्लिम विरोधी नफरत भरे भाषणों की स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच के निर्देश देने की मांग की गई थी।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को उक्त याचिका पर केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था।

दो हिंदू समूहों द्वारा हस्तक्षेप आवेदन में दावा किया गया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की जांच करने के लिए सहमत हो गया है, इसलिए उसे हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की भी जांच करनी चाहिए।

हस्तक्षेप आवेदन में कहा गया है, "आवेदक वर्तमान आवेदन के माध्यम से इस अदालत से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह एक एसआईटी को हिंदू समुदाय के सदस्यों, उनके देवी-देवताओं के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों की जांच करने का निर्देश दे।"

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Two Hindu groups move Supreme Court seeking action against Muslim leaders for anti-Hindu hate speeches

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